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सिंहावलोकन 2025: जंगल से शहर तक वन्यजीवों का हमला, 5 घटनाएं जिससे दहली दुनिया

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। 2025 विदा होने को है और 2026 की ओर हम बढ़ चले हैं। पीछे मुड़कर देखें तो कुछ वाकयों ने हैरान किया, कुछ ने हंसी बिखेरी तो कुछ आंखों में आंसू का सबब बने। कुछ हादसे ऐसे हुए जो इंसानों और वन्य जीवों के बीच गहरी होती जा रही खाई को दर्शाते हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी खबरें आईं जिसमें हाथी, बाघ, शेर और भालू तक ने इंसानों को अपना शिकार बनाया। ऐसी वारदातें जो रोंगटे खड़े करती हैं।
सिंहावलोकन 2025: जंगल से शहर तक वन्यजीवों का हमला, 5 घटनाएं जिससे दहली दुनिया

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। 2025 विदा होने को है और 2026 की ओर हम बढ़ चले हैं। पीछे मुड़कर देखें तो कुछ वाकयों ने हैरान किया, कुछ ने हंसी बिखेरी तो कुछ आंखों में आंसू का सबब बने। कुछ हादसे ऐसे हुए जो इंसानों और वन्य जीवों के बीच गहरी होती जा रही खाई को दर्शाते हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी खबरें आईं जिसमें हाथी, बाघ, शेर और भालू तक ने इंसानों को अपना शिकार बनाया। ऐसी वारदातें जो रोंगटे खड़े करती हैं।

केरल इस साल हाथियों के हमले से लगभग हर महीने सुर्खियों में रहा। 6 दिसंबर को ही पलक्कड़ जिले में एक जंगली हाथी के हमले में बाघों की गणना कर रहे एक वन्य कर्मी की मौत हो गई, जिसकी पहचान वन विभाग के चौकीदार कालीमुथु (52) के रूप में हुई।

21 सितंबर को हाथियों ने तो नहीं लेकिन एक बाघ ने हमला कर ओक्लाहोमा (यूएस) स्थित ह्यूगो के एक ट्रेनर रयान ईस्ले को मार डाला। 'शो मी टाइगर्स सर्कस' और 'ग्रोवर पाइंस चिड़ियाघर' के रयान इज्ले को कथित तौर पर उनके ही एक बाघ ने मार डाला, यह बाघ उनके टाइगर सप्लायर जो एग्जॉटिक का था। इज्ले से जुड़े कुछ विवाद भी हैं। पेटा ने अचानक बाघ के हमले के कारणों को तलाशा और अपनी खोज के आधार पर कहा कि रेयान बाघों को ट्रेंड करने के दौरान उन पर अत्याचार किया करते थे। जो के साथ कम करते हुए इन बाघों को जगह-जगह ले जाकर सर्कस दिखाते थे। पेटा ने बताया था कि 2017 में एक बार बाघ को 31 बार मारने का मामला भी सामने आया था। वो अक्सर बाघों को घंटों पिजरों में बंद रखता था।

बिग कैट्स अटैक का शिकार थाईलैंड के एक चिड़ियाघर का कर्मचारी भी बना। 11 सितंबर को सफारी वर्ल्ड बैंकॉक से गाड़ी चलाकर जा रहे विजिटर्स पर शेरों ने हमला कर दिया। यह 15 मिनट तक चला। कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर दिखीं जो दहलाने वाली थीं। इनमें शेरों का झुंड एक शख्स पर भिड़ा पड़ा था। चिड़ियाघर का कर्मचारी, जो 20 सालों से सफारी वर्ल्ड बैंकॉक में काम कर रहा था, शेरों के हमले में मारा गया। 58 साल के जियान रंगखरसामी अपनी गाड़ी से बाहर निकले तो शेरों के शिकार बन गए।

14 अगस्त को जापान में भी कुछ ऐसा ही हुआ। यहां शिकारी था भूरा भालू और शिकार बना एक पर्वतारोही। 15 अगस्त को भालू अपने दो शावकों के साथ मृतक के अंग को अपने मुंह में दबाए दिखा। उसे तुरंत मार डाला गया। मृतक का शव क्षत-विक्षिप्त था, इतना कि अधिकारियों ने पीड़ित परिजनों से आग्रह किया कि सिर्फ उसका मुंह देखें, बाकी शरीर पर ध्यान न दें।

ऐसा ही कुछ 6 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में घटा। डार्लिंग डाउन्स चिड़ियाघर में 50 पार महिला चिड़ियाघर में शेर को खाना खिलाते समय अपना हाथ खो बैठी। शेर ने उसके हाथ को अचानक मुंह में दबाया और कुछ पलों में अनहोनी हो गई।

यह त्रासदियां हमें प्राकृतिक दुनिया की खूबसूरती और उसके अप्रत्याशित व्यवहार दोनों की ददर्नाक याद दिलाती है। पेटा मानता है कि वन्यजीवों के पास इंसानों का जाना कभी भी सुरक्षित नहीं होता है और जानवरों को मनोरंजन के साधन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

--आईएएनएस

केआर/

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