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सिंहावलोकन 2025: योगी सरकार में श्रम सुधारों ने पकड़ी रफ्तार, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का मिला मजबूत कवच

लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग और श्रमिक कल्याण के दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी वर्ष के रूप में दर्ज हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने न केवल श्रमिकों के हितों की रक्षा को नई दिशा दी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सिंहावलोकन 2025: योगी सरकार में श्रम सुधारों ने पकड़ी रफ्तार, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का मिला मजबूत कवच

लखनऊ, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग और श्रमिक कल्याण के दृष्टिकोण से एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी वर्ष के रूप में दर्ज हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने न केवल श्रमिकों के हितों की रक्षा को नई दिशा दी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

वर्ष 2025 इसलिए भी खास रहा क्योंकि इसी वर्ष भारत सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया गया, जिन्हें श्रमिक हितों की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ शन्मुगा सुंदरम ने बताया कि योगी सरकार की नीतियों और सुधारों का प्रत्यक्ष परिणाम यह रहा कि प्रदेश में लगातार बड़ी संख्या में नए कारखानों की स्थापना और पंजीकरण हुआ। बीते आठ वर्षों की तुलना में 2025 तक कारखानों का पंजीकरण दोगुने से भी अधिक हो गया, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हुए और औद्योगिक वातावरण मजबूत हुआ। विशेष रूप से महिला कर्मकारों के लिए वर्ष 2025 ने नए अवसरों के द्वार खोले और उन्हें अधिक सुरक्षित और सशक्त कार्यपरिस्थितियां उपलब्ध कराईं।

श्रम अधिनियमों के अंतर्गत लंबित वादों की सुनवाई को सरल, पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए श्रम विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 26 अगस्त 2025 को “श्रम न्याय सेतु /लेबर ई कोर्ट प्लेटफॉर्म” का शुभारंभ किया गया। यह पोर्टल न केवल पेपरलेस गवर्नेंस का उदाहरण बना, बल्कि इसे 19वें नेशनल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड्स 2025 में पेपरलेस गवर्नेंस चैंपियन श्रेणी में सम्मानित भी किया गया।

प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन का गठन किया गया। इसके अंतर्गत घरेलू ही नहीं बल्कि विदेशी रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दिया गया। रोजगार संगम पोर्टल से एमईए पंजीकृत पांच रिक्रूटमेंट एजेंसियों (आरए) को जोड़ा गया, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट को नई गति मिली। यहीं नहीं, रोजगार महाकुंभ 2025 का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में किया गया, जहां 16,000 से अधिक युवाओं का चयन और प्लेसमेंट हुआ। 1,612 युवाओं को विदेश में रोजगार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके साथ ही 18 दिसंबर 2025 को वाराणसी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मोबिलिटी कॉन्क्लेव 2025 में भारत सरकार, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, राजदूतों, रिक्रूटमेंट एजेंसियों और उद्योग संघों ने भाग लिया। इस कॉन्क्लेव में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर के साथ एक एकीकृत अंतर्राष्ट्रीय रोजगार सुविधा तंत्र का रोडमैप तैयार किया गया।

बीमित श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आरोग्य मंथन कार्यक्रम 2025 का आयोजन 11 दिसंबर 2025 को कानपुर में किया गया। इस अवसर पर क्‍यूआर कोड इनेबिल्ड ‘माइक्रोसॉफ्ट आरोग्य शक्ति अभियान’ का शुभारंभ, आरोग्य संकल्प पत्र का विमोचन और एएएप्‍लस ऐप की शुरुआत की गई। एएएप्‍लस ऐप के माध्यम से अब श्रमिक घर बैठे अपॉइंटमेंट, दवाओं की डिलीवरी और सभी मेडिकल टेस्ट रिकॉर्ड डिजिटल रूप से प्राप्त कर सकेंगे।

इसके अलावा, चेन्नई, हैदराबाद और फरीदाबाद के ईएसआईसी प्रीमियर संस्थानों की बेस्ट प्रैक्टिस को उत्तर प्रदेश में लागू करने की पहल भी की गई।

निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए बोर्ड द्वारा कई नवाचार किए गए। इसके तहत, 23 दिसंबर 2025 को ऑनसाइट निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण हेतु मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किया गया। पहले चरण में 10,000 श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के 18 जनपदों में संचालित अटल आवासीय विद्यालयों की निगरानी हेतु 360 डिग्री लाइव मॉनिटरिंग कमांड सेंटर की स्थापना की गई, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 अगस्त 2025 को किया। साथ ही, निर्माण स्थलों पर रिकग्‍नीशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) प्रशिक्षण की शुरुआत की गई, जिससे श्रमिकों के कौशल का प्रमाणन और उन्नयन सुनिश्चित हुआ। बोर्ड द्वारा कन्या विवाह सहायता योजना में आर्थिक सहायता बढ़ाते हुए सामान्य विवाह के लिए 65,000 रुपए, अंतरजातीय विवाह के लिए 75,000 रुपए और न्यूनतम 11 जोड़ों के सामूहिक विवाह की स्थिति में 85 हजार की धनराशि बोर्ड द्वारा आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया।

--आईएएनएस

एएसएच/डीकेपी

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