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सिंहावलोकन 2025: जेन-जी ने आभासी दुनिया से निकल, दुनिया को अपने होने का एहसास कराया

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। 2025 का वर्ष यह साबित करता है कि जेन-जी (जेड) केवल डिजिटल दुनिया में ही रमा नहीं रहता, वो आभासी दुनिया का नुमांइदा बनकर अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं कराना चाहता, बल्कि विश्व स्तर पर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव में निर्णायक भूमिका निभाने को तत्पर है। इस साल युवा आंदोलनों और प्रदर्शनकारियों की ताकत ने कई देशों में सरकारों को झुकने पर मजबूर किया और वैश्विक मीडिया में जेन-जी की चर्चा शीर्ष विषय बन गई।
सिंहावलोकन 2025: जेन-जी ने आभासी दुनिया से निकल, दुनिया को अपने होने का एहसास कराया

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। 2025 का वर्ष यह साबित करता है कि जेन-जी (जेड) केवल डिजिटल दुनिया में ही रमा नहीं रहता, वो आभासी दुनिया का नुमांइदा बनकर अपनी मौजूदगी दर्ज नहीं कराना चाहता, बल्कि विश्व स्तर पर राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव में निर्णायक भूमिका निभाने को तत्पर है। इस साल युवा आंदोलनों और प्रदर्शनकारियों की ताकत ने कई देशों में सरकारों को झुकने पर मजबूर किया और वैश्विक मीडिया में जेन-जी की चर्चा शीर्ष विषय बन गई।

सुर्खियों में नेपाल का आंदोलन रहा। 8 से 13 सितंबर तक काठमांडू में हजारों युवा सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार और सरकारी जवाबदेही की कमी के खिलाफ सड़कों पर उतरे। शांतिपूर्ण शुरुआत के बाद यह प्रदर्शन हिंसक रूप ले गया, जिसके परिणामस्वरूप संसद भवन और कई सरकारी कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया गया और 70 से ज्यादा लोग मारे गए जबकि 1000 से अधिक घायल हुए थे। इस आंदोलन की प्रतिक्रिया में सरकार को सोशल मीडिया बैन वापस लेना पड़ा और राजनीतिक उथल-पुथल ने पूरे देश को झकझोर दिया। ये आंदोलन नेपो किड्स को लेकर चर्चा में रहा।

फ्रांस भी इससे अछूता नहीं रहा। फ्रांस में जेन जी ने श्रम सुधारों के विरोध में प्रदर्शन किए। न्यूनतम वेतन, कार्य घंटे और बेरोजगारी के मुद्दों पर युवा सड़कों पर उतरे और सरकार को कुछ प्रस्तावित श्रम सुधारों को वापस लेने और कानून संशोधन पर बहस तेज करने पर मजबूर कर दिया।

सितंबर के अंत में मोरक्को में “जेनजी212” नामक आंदोलन सामने आया। रबात और कासाब्लांका में हजारों युवा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सरकारी खर्चों में प्राथमिकताओं के खिलाफ सड़कों पर उतरे। उन्होंने स्टेडियम और महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर की बजाय अस्पतालों और सार्वजनिक सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने की मांग की। इस आंदोलन ने सरकार को अपनी खर्च नीति पर बहस करने और सार्वजनिक संवाद शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया।

अक्टूबर में पेरू के लीमा और अन्य शहरों में युवाओं ने राजनीतिक सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन किए। लाखों युवा राष्ट्रपति और संसद पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतरे। इस प्रदर्शन के चलते सरकार ने कुछ नीति सुधारों की घोषणा की और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सुधार का संकेत दिया।

अक्टूबर में ही फिलीपींस में लाखों युवाओं ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। क्लाइमेट जेन-जी स्ट्राइक के रूप में जाने वाले इस आंदोलन में युवा सरकार से सख्त जलवायु नीति अपनाने की मांग कर रहे थे और उन्होंने सार्वजनिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर इसे वैश्विक स्तर पर उजागर किया।

इसी महीने मेक्सिको में युवा भ्रष्टाचार, ड्रग हिंसा और सुरक्षा के मुद्दों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरे। शुरुआत में शांतिपूर्ण रहे आंदोलन बाद में हिंसक हो गए और करीब 120 लोग घायल हुए।

साल 2025 में जेन-जी का बढ़ता दायरा सुर्खियों में रहा, जिसने जता दिया कि चेंज केवल ऑनलाइन प्रतिक्रियाओं या सोशल मीडिया ट्रेंड तक सीमित नहीं है। यह पीढ़ी सीधे, निर्णायक और सक्रिय रूप से सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों, न्याय और बदलाव की मांग करना भी जानती है। नेपाल, मोरक्को, पेरू, फिलीपींस, फ्रांस और मेक्सिको में हुए जेन-जी आंदोलन इसकी ही बानगी है।

--आईएएनएस

केआर/

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