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सरकार ने दो साल में 'पारदर्शी और जवाबदेही' का मॉडल स्थापित किया: अरुण चतुर्वेदी

जयपुर, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर राजस्थान वित्त आयोग के प्रमुख अरुण चतुर्वेदी ने सरकार के कामकाज की सराहना की और उपलब्धियों को गिनाया है।
सरकार ने दो साल में 'पारदर्शी और जवाबदेही' का मॉडल स्थापित किया: अरुण चतुर्वेदी

जयपुर, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर राजस्थान वित्त आयोग के प्रमुख अरुण चतुर्वेदी ने सरकार के कामकाज की सराहना की और उपलब्धियों को गिनाया है।

राजस्थान वित्त आयोग के प्रमुख अरुण चतुर्वेदी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने दो साल में 'पारदर्शी और जवाबदेही' का मॉडल स्थापित किया है। उन्होंने कहा, "जिन संकल्पों को लेकर भाजपा की सरकार चली, उनमें से प्राथमिकता के आधार पर दो साल में लगभग 70 प्रतिशत को पूरा किया जा चुका है। कांग्रेस के पिछले पांच साल के शासन में पानी-बिजली और कानून व्यवस्था खराब थी और अक्सर परीक्षाओं में पेपर लीक हो रहे थे। भाजपा सरकार ने प्राथमिकता के साथ इन चारों विषयों पर काम शुरू किया।"

उन्होंने कहा कि लंबे समय से किसानों की मांग बिजली की समस्या को लेकर थी। आज 22 जिलों के किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए दिन के समय बिजली पहुंचाई जाती है।

राजस्थान वित्त आयोग के प्रमुख ने आगे कहा, "राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार आया है, जिसके बारे में आंकड़े स्पष्ट बताते हैं। पेपर लीक के मामलों में सरकार ने कार्रवाई की। इसके बाद सभी परीक्षाओं को सफलतापूर्वक कराया गया। छात्रों के लिए परीक्षा से इंटरव्यू तक सरकार ने विशेष तौर पर सालभर का कलेंडर जारी किया और सख्ती के साथ इसका पालन किया है।"

इस बीच, अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस पर किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर दबाव बनाने की तरकीब अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार के खिलाफ एक प्रेशर ग्रुप काम करता था, जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। ये लोग राजस्थान में भी भाजपा सरकार के खिलाफ काम कर रहे हैं।

दिल्ली में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, "राजस्थान में कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि साधनों की व्यवस्था होती है तो 50 हजार कार्यकर्ता जुटाएंगे। इस पार्टी की क्या स्थिति है, यह दिल्ली की रैली से समझ आ जाएगा।"

--आईएएनएस

डीसीएच/डीकेपी

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