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'सरकार को जनता की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं', इंडिगो की उड़ानें रद्द होने पर कांग्रेस ने साधा निशाना

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इंडिगो एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने पर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि इस समस्या को तुरंत हल करने की जरूरत है। नागरिक उड्डयन मंत्री को एक इमरजेंसी मीटिंग बुलानी चाहिए।
'सरकार को जनता की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं', इंडिगो की उड़ानें रद्द होने पर कांग्रेस ने साधा निशाना

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इंडिगो एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने पर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि इस समस्या को तुरंत हल करने की जरूरत है। नागरिक उड्डयन मंत्री को एक इमरजेंसी मीटिंग बुलानी चाहिए।

कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "इंडिगो फ्लाइट्स का मामला बहुत गंभीर है। हजारों यात्रियों को परेशानी हो रही है और वे जूझ रहे हैं। कई घंटों की देरी हो रही है, और फ्लाइट कैंसिल होने से बहुत दिक्कतें हो रही हैं। ऐसी स्थिति में, इस समस्या को तुरंत हल करने की जरूरत है। नागरिक उड्डयन मंत्री को एक इमरजेंसी मीटिंग बुलानी चाहिए। डीजीसीए और एयरलाइन के बीच में सरकार को रास्ता निकालना चाहिए।"

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक हजार से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं, और यह सिर्फ आज नहीं हो रहा है। यह पिछले तीन दिनों से चल रहा है। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। स्थिति यह है कि लाखों यात्री हवाईअड्डों पर फंसे हुए हैं, जो एक शर्मनाक स्थिति है। इसमें सरकार की चुप्पी बताती है कि उसे जनता की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं है।

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने सवाल उठाते हुए कहा, "यह एक आपदा है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि यह कैसे हुआ और इसे होने क्यों दिया गया। क्या इंडिगो को नए नियमों और पायलटों के लिए जरूरी आराम के समय के बारे में पता नहीं था? और दूसरी टेक्निकल दिक्कतें- उन्हें पहले से ठीक क्यों नहीं किया गया?"

कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने कहा कि इंडिगो संकट प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत है, जिसका असर भारत के यात्रियों पर दिख रहा है। इंडिगो सैकड़ों उड़ानें रद्द कर रही है। वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? उन पर नजर रखने वाला कोई नहीं है।

सांसद मल्लू रवि ने कहा, "सरकार के पास कोई रेगुलेटरी सिस्टम होना चाहिए। कोई रेगुलेटरी सिस्टम नहीं है। कोई भी यात्रियों का ख्याल नहीं रख रहा है। वे बस इतना कह रहे हैं कि इंडिगो ने कैंसिल कर दिया है, आप इंडिगो से पूछिए। इंडिगो एक प्राइवेट कंपनी है। वे अपनी मर्जी से करेंगे। उन्हें भारत में यात्रियों की यात्रा की जरूरत की कोई परवाह नहीं है। इसलिए अब कम से कम इससे हमें कुछ सबक सीखना चाहिए और उन्हें रेगुलेट करने के तरीके खोजने चाहिए।

शिवसेना-यूबीटी के सांसद अनिल देसाई ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हमने इस मुद्दे को संसद में कई बार उठाया है। यह बहुत गंभीर मामला है, क्योंकि इंडिगो की कई कमियां सामने आई हैं। इन्हें ठीक करने की जरूरत है।"

अनिल देसाई ने कहा कि इंडिगो को अपनी कमियों के बारे में सुधार करना चाहिए। इंडिगो के पास पायलट, क्रू मेंबर और स्टाफ की कमी है। इस कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। टिकट कैंसिल करने पर भी यात्रियों को मुश्किलें आती हैं। कैंसलेशन चार्ज लगा दिया जाता है। उन्होंने इकोसिस्टम को पूरी तरह विफल बताया।

--आईएएनएस

डीसीएच/

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