सांता क्लॉज का मजाक उड़ाकर आप नेताओं ने हमारी आस्था को चोट पहुंचाई: अधिवक्ता खुशबू जॉर्ज
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। अधिवक्ता खुशबू जॉर्ज ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर ईसाई धर्म में आस्था के प्रतीक माने जाने वाले सांता क्लॉज का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है। खुशबू जॉर्ज की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 'आप' नेताओं -सौरभ भारद्वाज, संजीव झा और आदिल अहमद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
खुशबू जॉर्ज ने पुलिस से इन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि यह सुनिश्चित किया किया जाए कि निकट भविष्य में कोई भी राजनीतिक दल किसी भी धर्म का मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
अधिवक्ता खुशबू जॉर्ज ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि 17 दिसंबर को ‘आप’ नेताओं ने सांता क्लॉज को दिल्ली के कनॉट प्लेस में घुमाकर मजाक उड़ाया। इन नेता पहले सांता क्लॉज को दिल्ली के एएक्यूआई के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद वह बेहोश हो जाता है। आप नेता सांता क्लॉज को होश में लाने के लिए उसके सीने को बार-बार पुश करते हैं। इसके बाद उन्हें मास्क पहनाते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के प्रदूषण की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को घेरना चाहती है। मेरा सीधा सा कहना है कि अगर आपको दिल्ली के प्रदूषण की इतनी ही चिंता है, तो कई तरीके हैं, जिसके जरिए प्रदूषण के मुद्दे को उठा सकते हैं। आपको यह हक किसने दे दिया कि ईसाई धर्म से जुड़े सांता क्लॉज का मजाक उड़ाएं। हम इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। यह सरासर गलत है। हम लोगों ने आज तक किसी भी धर्म का मजाक नहीं उड़ाया है और मैं हमेशा से ही इस बात की पैरोकारी करती हुई आई हूं कि किसी भी धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सांता क्लॉज हमारे लिए आस्था का प्रतीक हैं। इसके बावजूद भी इन नेताओं ने हमारी आस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश की, जो सरासर गलत है। सांता क्लॉज का इतिहास उठाकर देख लीजिए। उन्होंने हमेशा से ही समाज के निर्धन तबके की मदद की। जब कभी भी किसी की मदद करने की बारी आई, तो उन्होंने कभी अपने कदम पीछे नहीं खींचे, इसलिए आज तक हम लोग उन्हें याद करते हैं। हर समुदाय के लोग उन्हें याद करते हैं, लेकिन उनका जिस तरह से मजाक उड़ाया गया है, उसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
अधिवक्ता खुशबू जॉर्ज ने आम आदमी पार्टी के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज किया, जिसमें उन्हें भाजपा से जोड़े जाने की बात कही गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने किसी भी राजनीतिक दल से प्रेरित होकर यह कदम नहीं उठाया है। राजनीतिक लाभ अर्जित करने के मकसद से मेरी आस्था से जुड़े प्रतीकों का उपहास उड़ाने की कोशिश की गई, जिससे आहत होकर मैंने यह कानून कदम उठाया है। इसे मेहरबानी करके कोई भी राजनीतिक चश्मे से देखने की जहमत न उठाए।
मेरी शिकायत में मेरे नाम के आगे सिर्फ अधिवक्ता लिखा हुआ है, जो कि पेशेगत पहचान है। मैं उसमें किसी भी राजनीतिक दल का जिक्र नहीं किया है। मैंने अपनी शिकायत में मांग की है कि उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने हमारी आस्था का उपहास उड़ाने की कोशिश की है, ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति की पुनरावृत्ति नहीं हो सके।
--आईएएनएस
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