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सना तो नहीं मिली, लेकिन सजा जरूर मिल गई… पाकिस्तानी गर्लफ्रेंड के प्यार में युवक ने पार की सरहद, दुश्मन देश ने किया ये हश्र

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के रहने वाले बादल बाबू का पाकिस्तान की युवती सना रानी से हुआ प्यार अब कानूनी और कूटनीतिक चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया पर शुरू हुआ यह प्रेम प्रसंग उस वक्त मुसीबत में बदल गया जब बादल, बिना किसी दस्तावेज के सना से मिलने पाकिस्तान पहुंच गया। पाकिस्तानी पुलिस ने उसे अवैध प्रवेश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और अब वह बीते चार महीने से जेल में बंद है।

पूरा मामला अलीगढ़ जनपद के थाना बरला क्षेत्र के गांव नंगला खिटकारी का है। कृपाल सिंह के बेटे बादल बाबू की पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन की रहने वाली सना रानी से फेसबुक पर दोस्ती हुई और यह दोस्ती जल्द ही प्रेम में बदल गई। प्यार में अंधे बादल ने परिवार को बिना बताए 27 दिसंबर 2024 को भारत-पाक सीमा पार कर ली। पाकिस्तान में प्रवेश करते ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

कोर्ट ने सुनाई सजा, लेकिन एक उम्मीद बाकी

14 मई 2025 को पाकिस्तान की मंडी बहाउद्दीन की जिला अदालत ने बादल को एक साल की जेल और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि अदालत ने फेसबुक चैट के आधार पर बादल को जासूसी जैसे गंभीर आरोपों से बरी कर दिया और सिर्फ अवैध सीमा पार करने के अपराध में सजा दी। अब तक बादल चार महीने जेल में काट चुका है।

पाकिस्तानी वकील बना फरिश्ता

जब भारत में बैठे बादल के माता-पिता कृपाल सिंह और उनकी पत्नी गहरे दुख में डूबे थे, तभी पाकिस्तान के वकील फियाज रामे ने सोशल मीडिया के जरिए उनसे संपर्क किया। उन्होंने बादल की मां को रोते हुए देखकर और परिवार की आर्थिक स्थिति समझते हुए यह फैसला लिया कि वह यह केस बिना किसी फीस के लड़ेंगे। 10 जनवरी 2025 से उन्होंने अदालत में बादल की पैरवी शुरू की।

अब फियाज रामे ऊपरी अदालत में अपील की तैयारी कर रहे हैं ताकि बादल की सजा कम कराकर उसे जल्द भारत लौटाया जा सके। कृपाल सिंह ने पाकिस्तानी वकील का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया है और अब उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा जल्द अपने देश लौटेगा।

कोर्ट में आमने-सामने आए प्रेमी-प्रेमिका

17 अप्रैल को अदालत में सुनवाई के दौरान सना रानी को भी पेश किया गया। वहां बादल और सना एक-दूसरे को देख तो सके, लेकिन बातचीत नहीं हो सकी। अदालत में सना से पूछा गया कि वह बादल से कब और कैसे संपर्क में आई। यह स्पष्ट हुआ कि दोनों का संबंध केवल सोशल मीडिया तक सीमित था।

परिवार को उम्मीद, जल्द लौटेगा बेटा

अब बादल का परिवार दिन-रात यही दुआ कर रहा है कि उनकी अपील सफल हो और उनका बेटा जेल से रिहा होकर वापस अपने वतन लौटे। वहीं, इस पूरे मामले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रेम और भावनाएं जब सीमा लांघती हैं, तो उन्हें कागजों की दीवार से टकराना पड़ता है।

प्यार की इस कहानी का अंत कैसा होगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा। लेकिन इतना तय है कि फियाज रामे जैसे वकील दोनों देशों के बीच इंसानियत और उम्मीद की पुल जरूर बनाते हैं।

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