केंद्रीय लेबोरेटरीज की जाँच में 47 दवाइयों के सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सार्वजानिक की बड़ी जानकारी
भारत में औषधियों की गुणवत्ता की जांच को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए नवीनतम सर्वेक्षण में 47 दवा नमूनों को 'मानक गुणवत्ता (NSQ) के नहीं' पाया गया है। इन नमूनों में विटामिन सप्लीमेंट, एंटीबायोटिक्स और एंटासिड जैसी आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं।
कैसे होती है दवाओं की जांच?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, NSQ के रूप में पहचाने गए दवा नमूनों की पहचान उनके निर्दिष्ट गुणवत्ता मापदंडों में विफलता के आधार पर की जाती है। यह प्रक्रिया सरकारी प्रयोगशालाओं में नियमित रूप से हर महीने की जाती है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि विफलता केवल परीक्षण किए गए बैच के लिए लागू होती है, और बाजार में उपलब्ध अन्य दवाओं के बारे में चिंता की कोई बात नहीं है।
राज्य स्तर पर भी 56 दवाओं की गुणवत्ता संदिग्ध
सिर्फ केंद्रीय प्रयोगशालाएं ही नहीं, बल्कि राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं ने भी 56 दवा नमूनों को मानक गुणवत्ता के नहीं पाया है। यह स्थिति उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि आम जनता रोज़मर्रा के इलाज के लिए इन्हीं दवाओं पर निर्भर करती है।
नकली दवाओं का भी बढ़ रहा खतरा
फरवरी में, सरकार ने खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में एक दवा नमूने की पहचान नकली दवा के रूप में हुई थी। यह दवा किसी अनधिकृत निर्माता द्वारा किसी अन्य कंपनी के स्वामित्व वाले ब्रांड नाम का उपयोग करके बनाई गई थी। इस मामले की जांच अभी भी जारी है।
सरकार और नियामक क्या कर रहे हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि नियामक प्राधिकरण लगातार इस पर नज़र बनाए हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि NSQ, गलत ब्रांडिंग और नकली दवाओं की पहचान नियमित रूप से की जाती है। राज्य नियामकों के साथ समन्वय करके, इन गुणवत्ता विफल दवाओं को बाज़ार से हटाने की प्रक्रिया लगातार चल रही है।
उपभोक्ताओं को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि आम लोगों को दवाएं खरीदते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए। दवा खरीदने से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए:
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हमेशा प्रमाणित फार्मेसी से ही दवा खरीदें।
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दवा का बैच नंबर और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
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अगर कोई दवा लेने के बाद असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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ऑनलाइन दवा खरीदते समय केवल अधिकृत और विश्वसनीय वेबसाइटों का ही उपयोग करें।
औषधि की गुणवत्ता से संबंधित यह खुलासा भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करता है। सरकार और औषधि नियामकों को चाहिए कि दवा परीक्षण की प्रक्रिया को और अधिक कठोर बनाया जाए ताकि आम जनता तक केवल सुरक्षित और प्रभावी दवाएं ही पहुंचें।