संभल: बीमा क्लेम के लिए हत्या करने वाला गिरोह गिरफ्तार, अनाथों को बनाते थे शिकार

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस ने एक ऐसे खतरनाक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बीमा क्लेम पाने के लिए अनाथ और बेसहारा लोगों की योजनाबद्ध तरीके से हत्या करता था। इस अमानवीय साजिश ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। गिरोह पहले अनजान लोगों के नाम पर बीमा पॉलिसी कराता था, फिर उनकी निर्ममता से हत्या कर उसे हादसे का रूप देकर मोटी बीमा राशि हड़प लेता था।
बीमा कराकर की जाती थी सुनियोजित हत्या
संभल पुलिस के अनुसार, गिरोह जरूरतमंद, अनाथ या समाज से कटे हुए व्यक्तियों को निशाना बनाता था। पहले उनसे दोस्ती की जाती, फिर उनके नाम पर जीवन बीमा करवाया जाता। बीमा में नॉमिनी के रूप में गिरोह का ही एक सदस्य नामित होता था। कुछ समय बीतने के बाद, पीड़ित की हत्या हथौड़े जैसे भारी वस्त्र से सिर कुचलकर कर दी जाती और शव को सड़क किनारे फेंक दिया जाता ताकि मामला एक्सीडेंट जैसा लगे और बीमा क्लेम में कोई अड़चन न आए।
मोबाइल फोन से खुला राज
इस पूरे कांड का पर्दाफाश तब हुआ जब पुलिस ने हत्या के एक मामले में आरोपी के मोबाइल की जांच की। मोबाइल में बीमा पॉलिसी से जुड़ी संदिग्ध जानकारी मिलने पर पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया। आगे की पड़ताल में एक-एक कर गिरोह की घिनौनी साजिश सामने आई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरोह अब तक दो हत्याएं कर चुका था और तीसरी की योजना बना रहा था।
हत्या की दो वारदातें और तीसरी की योजना
पहले केस में, एक युवक को शराब पिलाकर बेहोश किया गया और उसके सिर पर हथौड़े से वार कर उसकी हत्या कर दी गई। उसके शरीर पर कहीं और कोई चोट नहीं थी, जिससे मामला संदिग्ध लगा। दूसरे केस में युवक का सिर किसी वाहन से कुचल दिया गया था ताकि हत्या एक दुर्घटना जैसी लगे। दोनों मामलों में बीमा क्लेम के नाम पर लाखों की राशि हड़पी गई।
युवाओं को बनाते थे शिकार
गिरोह का टारगेट खास तौर से ऐसे युवा होते थे जिनका कोई परिवार या रिश्तेदार न हो। बीमा कंपनियों के अनुसार, युवाओं के लिए प्रीमियम कम होता है लेकिन बीमा राशि अधिक मिलती है, इसी का फायदा उठाकर गिरोह उन पर पॉलिसी कराता था। उनके साथ दोस्ती कर विश्वास जीता जाता और फिर एक दिन सुनियोजित हत्या कर दी जाती।
पुलिस कर रही विस्तृत जांच
संभल पुलिस ने गिरोह के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस मामले ने बीमा सेक्टर और समाज दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या इस गिरोह का संबंध किसी बीमा एजेंट या कंपनी से भी था।
निष्कर्ष
यह मामला इस बात का भयावह उदाहरण है कि किस तरह लालच और अपराध की मानसिकता इंसानियत को शर्मसार कर सकती है। पुलिस ने भले ही इस गिरोह को पकड़ लिया हो, लेकिन यह सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि बीमा कंपनियों और समाज को ऐसे अपराधों से बचाने के लिए और क्या कदम उठाने होंगे।