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कार में आगे बैठने को लेकर हुआ विवाद, बेटे ने की रिटायर्ड SI पिता की गोली मारकर हत्या

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दिल्ली के तीमारपुर इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बेटे ने मामूली विवाद में अपने रिटायर्ड पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक सुरेंद्र सिंह सीआईएसएफ के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर थे, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे और अपने परिवार सहित उत्तराखंड शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे थे। यह वारदात गुरुवार को तब हुई जब पिता-पुत्र में गाड़ी में बैठने को लेकर बहस हो गई और मामला इतना बढ़ गया कि बेटे ने अपने पिता की जान ले ली।

उत्तराखंड शिफ्टिंग के दौरान हुआ झगड़ा

पुलिस के अनुसार सुरेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ उत्तराखंड जाने की योजना बना रहे थे। सरकारी नौकरी के दौरान उन्हें मल्टी स्टोरी कॉलोनी में 26 नंबर फ्लैट आवंटित हुआ था, जहां वे अपने परिवार के साथ रहते थे। रिटायरमेंट के बाद परिवार ने दिल्ली छोड़ने का निर्णय लिया। इस क्रम में सामान लोड करने के लिए एक गाड़ी बुलाई गई, जिसमें केवल ड्राइवर के अलावा एक ही सीट थी।

सुरेंद्र सिंह चाहते थे कि उनका बेटा दीपक अन्य सदस्यों के साथ ट्रेन से सफर करे, लेकिन दीपक खुद सामान वाली गाड़ी के साथ जाना चाहता था। इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हुई। गाड़ी कॉलोनी से निकल ही रही थी कि विवाद बढ़ गया और गुस्से में दीपक ने अपने पिता पर गोली चला दी। गोली लगते ही सुरेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।

आरोपी बेटा गिरफ्तार

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। वहीं, परिवार के अन्य सदस्य उत्तराखंड रवाना हो चुके हैं। यह घटना न सिर्फ पारिवारिक मूल्यों पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह छोटी-छोटी बातों पर लोग अपनी मर्यादा और संयम खो देते हैं।

दिल्ली में एक और बेटे ने की पिता की हत्या

इस घटना के एक दिन बाद ही शुक्रवार को दिल्ली के पहाड़गंज थाना क्षेत्र के अरामबाग इलाके में एक और सनसनीखेज मामला सामने आया। यहां 45 वर्षीय विनोद नामक व्यक्ति की उसके ही बेटे ने घरेलू विवाद के चलते पीट-पीटकर हत्या कर दी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इसे घरेलू हिंसा का मामला बताया है।

समाज के लिए चेतावनी

लगातार सामने आ रही इस तरह की घटनाएं यह इशारा करती हैं कि आज समाज में गुस्से और अहंकार ने रिश्तों को निगलना शुरू कर दिया है। पिता-पुत्र जैसे पवित्र रिश्ते भी अब नफरत और गुस्से की बलि चढ़ रहे हैं। छोटी-छोटी बातों को बातचीत से सुलझाने की बजाय लोग अब हिंसा का सहारा ले रहे हैं, जो कि बेहद खतरनाक संकेत है।

पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है और समाज को भी अब आत्ममंथन की आवश्यकता है कि आखिर हमारी पारिवारिक व्यवस्था में ऐसी दरारें क्यों आ रही हैं।

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