प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव: निष्काम सेवा और सर्वहिताय जीवन का उत्सव
अहमदाबाद, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। बी.ए.पी.एस. के अध्यक्ष पूज्य महंत स्वामी महाराज, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में ‘प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव’ का भव्य समापन समारोह हुआ। मुख्य समारोह रविवार को अहमदाबाद के प्रसिद्ध साबरमती रिवरफ्रंट इवेंट सेंटर पर अत्यंत भव्यता के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रमुखस्वामी महाराज की निष्काम एवं मानव कल्याणकारी सेवाओं को विविध रचनात्मक प्रस्तुतियों द्वारा भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
साबरमती नदी के तट पर आयोजित इस प्रभावशाली सभा में 75 वर्ष पूर्व 1950 में बी.ए.पी.एस. के संस्थापक ब्रह्मस्वरूप शास्त्रीजी महाराज द्वारा अहमदाबाद की आंबलीवाली पोल में प्रमुखस्वामी महाराज को आजीवन अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के ऐतिहासिक क्षण की स्मृति मनाई गई। पूज्य प्रमुखस्वामी महाराज के अनथक सेवाभाव, विनम्रता, करुणा और सर्वहित के प्रति पूर्ण समर्पित जीवन, जो जाति, पंथ, रंग, स्थिति या पृष्ठभूमि के किसी भी भेद से रहित था, को भावपूर्ण प्रणाम अर्पित किए गए।
1950 में जिस दिन उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उसी दिन प्रमुखस्वामी महाराज ने स्वयं बर्तन धोकर सेवा की, जो उनके सेवाभाव की अद्भुत प्रतिबद्धता का प्रतीक था। सेवा का यही आदर्श उनके 95 वर्ष के तपःपूत जीवन की पहचान बना।
मंच की कलात्मक सजावट प्रमुखस्वामी महाराज की ऐतिहासिक यात्रा का सुन्दर दर्पण थी—एक ओर आंबलीवाली पोल का भावनापूर्ण दृश्य, जहाँ उनका अध्यक्ष-पदाभिषेक हुआ था; और दूसरी ओर दिल्ली अक्षरधाम का भव्य रूप, जो उनके मार्गदर्शन में फली-फूली वैश्विक आध्यात्मिक सेवा-परंपरा का प्रतीक था। यह पूरा मंच एक साधु की तपश्चर्या से विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन के उदय की कथा प्रस्तुत कर रहा था।
सायं 5:45 बजे भारत सरकार के गृहमंत्री अमितभाई शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल तथा उपमुख्यमंत्री हर्षभाई संघवी महोत्सव स्थल पर पधारे। बी.ए.पी.एस. के वरिष्ठ संतों ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ ‘प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव’ के परिचयात्मक वीडियो से हुआ, जिसके पश्चात् बी.ए.पी.एस. के युवाओं द्वारा विषय-आधारित नृत्य प्रस्तुत किया गया।
आकर्षक वीडियो के माध्यम से प्रमुखस्वामी महाराज की आजीवन मानवसेवा के प्रेरणादायी प्रसंगों को दर्शाया गया। इसके पश्चात् बी.ए.पी.एस. की वैश्विक मानवीय सेवाओं का विशेष वीडियो प्रदर्शित किया गया। बी.ए.पी.एस. के अक्षरवत्सलदास स्वामी ने प्रमुखस्वामी महाराज के वैश्विक सेवाकार्यों पर भावनापूर्ण वक्तव्य प्रस्तुत किया।
प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन के हृदयस्पर्शी प्रसंगों द्वारा उनकी अद्वितीय अहं-शून्यता को रचनात्मक शैली में दर्शाया गया। बी.ए.पी.एस.के स्वामी नारायणमुनिदास ने इस दिव्य गुण से संबंधित प्रसंगों का उल्लेख किया।
शक्तिशाली प्रकटियों के माध्यम से प्रमुखस्वामी महाराज की अडिग श्रद्धा से ओतप्रोत जीवन को प्रस्तुत किया गया। बी.ए.पी.एस.के स्वामी आनंदस्वरूपदास ने उनके जीवन में भगवान और गुरुओं के प्रति प्रकट होने वाले दृढ़ विश्वास के प्रेरणादायी उदाहरणों का वर्णन किया।
वफादारी के गुण को विविध कलात्मक अभिव्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात् बी.ए.पी.एस.के स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने प्रमुखस्वामी महाराज की गुरु-निष्ठा और सिद्धांतनिष्ठा के प्रसंगों को उजागर किया।
बी.ए.पी.एस. के वरिष्ठ संतों द्वारा स्वागत के पश्चात् अमितभाई शाह ने प्रमुखस्वामी महाराज से जुड़े अपने प्रसंगों को स्मरण करते हुए हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने प्रमुखस्वामी महाराज के उत्तराधिकारी पूज्य महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से गतिमान बी.ए.पी.एस. की आध्यात्मिक एवं सामाजिक सेवाओं की सराहना की।
अमित शाह ने कहा, “प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव में उपस्थित होना मेरा सौभाग्य है। प्रमुखस्वामी महाराज ने भक्ति और सेवा—इन दोनों को अद्भुत रूप से एक सूत्र में बाँध दिया। उन्होंने हमारे सनातन धर्म की संत-परंपरा को पुनर्जीवित किया। सनातन धर्म और समाज पर आए कठिन समय में प्रमुखस्वामी महाराज मार्गदर्शक बने। उनका कार्य हमारे देश के सभी सम्प्रदायों के लिए अनुकरणीय है।”
इसके बाद बी.ए.पी.एस. के वरिष्ठ स्वामी ईश्वरचरणदासजी ने प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव के अर्थ और महत्व पर प्रेणादायी उद्बोधन दिया।
भारतीय जनता पार्टी, गुजरात प्रदेश के अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा ने अवसरानुकूल उद्बोधन दिया और प्रमुखस्वामी महाराज के अहं-शून्य व्यक्तित्व तथा उनके प्रेरणादायी दिव्य जीवन को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा, “प्रमुखस्वामी महाराज ने अपने जीवन के नौ दशकों तक अत्यंत कर्मठता से कार्य करते हुए मानवसेवा के अनेक क्षेत्रों में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया है। हमारी संस्कृति के तीन आधारस्तम्भ हैं – संत, शास्त्र और मंदिर। उन्होंने इन तीनों आधारस्तम्भों को सुदृढ़ बनाने का युगांतकारी कार्य किया है। गुजरात की धरती को भगवान स्वामिनारायण से लेकर पूज्य प्रमुखस्वामी महाराज और पूज्य महंत स्वामी महाराज सहित अनेक संतों का अलौकिक लाभ और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा है। प्रमुखस्वामी महाराज ने अपने जीवन के नौ दशकों तक अत्यंत कर्मठता से कार्य करते हुए मानवसेवा के अनेक क्षेत्रों में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया है। प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव वास्तव में जन–जन का उत्सव है।”
महंत स्वामी महाराज ने कहा, “प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन का हर क्षण दूसरों की सेवा के लिए समर्पित था। एक बार आंबली वाली पोल में वे स्वयं भूखे रहे और मुझे रोटी खिलाई। वे सचमुच मानते थे कि दूसरों के सुख में ही हमारा सुख है। वे मूल्यों को केवल कहते नहीं थे—जीते थे। वे सबमें गुण देखते, दोषों को क्षमा करते और सभी को उत्तम बनने की प्रेरणा देते। उनकी विनम्रता असाधारण थी। वे अहंकार से रहित और श्रद्धा में अडिग थे। उन्होंने सबकी देखभाल की—सभी ने अनुभव किया कि ‘स्वामी मेरे हैं’। इसलिए वे कभी विस्मृत नहीं होंगे। यदि हम प्रगति करना चाहते हैं, तो हमें अपने दोषों को सुधारना चाहिए और दूसरों के दोषों को क्षमा करना चाहिए—ऐसा करने पर प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव सार्थक होगा।”
महंत स्वामी महाराज, उपस्थित गणमान्य अतिथियों और लगभग 50,000 भक्तों द्वारा सामूहिक आरती का अलौकिक दृश्य अत्यंत भावविभोर कर देने वाला था। इसके पश्चात् बाल-किशोर-युवा वर्ग द्वारा नृत्यांजलि प्रस्तुत की गई।
साबरमती के आकाश को आलोकित करती भव्य आतिशबाजी के बीच ‘प्रमुख वरणी अमृत महोत्सव की जय’ के घोष के साथ इस ऐतिहासिक उत्सव का समापन हुआ। महोत्सव ने सभी को प्रमुखस्वामी महाराज के जीवन से विनम्रता, श्रद्धा और निष्काम सेवा जैसे शाश्वत मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
पूज्य महंत स्वामी महाराज की प्रेरणा से पिछले तीन महीनों से इस महोत्सव की तैयारियां चल रही थीं, जिसमें लगभग 20 सेवा विभागों के 7000 से अधिक स्वयंसेवकों ने दिन-रात सेवा की। अहमदाबाद शहरभर से लगभग 50,000 भक्त गण निर्धारित बस व्यवस्थाओं के माध्यम से स्थल पर पहुंचे, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनी रही। अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने ट्रैफिक प्रबंधन, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग प्रदान किया।
इस महोत्सव का भारत और विदेशों में लाखों भक्तों-भाविकों ने live.baps.org तथा आस्था भजन चैनल पर लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से दर्शन किया।
--आईएएनएस
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