पीएम-युवा 3.0 के परिणाम घोषित, 22 आधिकारिक भाषाओं में मिले थे प्रस्ताव
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित पीएम-युवा 3.0 के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री युवा लेखकों के मार्गदर्शन के लिए योजना लेखन से जुड़ी महत्वपूर्ण पहल है। एनबीटी-इंडिया की वेबसाइट पर यह नतीजे प्रकाशित किए गए हैं। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है। यह युवा लेखकों को उनके लेखन और विचारों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के मुताबिक, इस संस्करण के अंतर्गत 30 वर्ष से कम आयु के 43 युवा लेखकों के पुस्तक प्रस्ताव अखिल भारतीय प्रतियोगिता के माध्यम से चयनित किए गए हैं। ये प्रस्ताव भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं और अंग्रेजी में प्राप्त हुए हैं। इन भाषाओं में डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, असमिया, बांग्ला, बोडो, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मैथिली, ओड़िया, पंजाबी, संताली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, संस्कृत, और उर्दू शामिल हैं। इतनी व्यापक भाषायी भागीदारी देशभर में समावेशी साहित्यिक विकास को बढ़ावा देने के योजना के उद्देश्य को और सुदृढ़ करती है।
न्यास का कहना है कि चयनित 43 लेखकों में 19 महिलाएं और 24 पुरुष हैं। इन चयनित पुस्तक प्रस्तावों को छह माह के भीतर प्रतिष्ठित विद्वानों के मार्गदर्शन में पुस्तकों का रूप दिया जाएगा। प्रत्येक चयनित लेखक को 50,000 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति तथा प्रकाशित पुस्तक पर आजीवन 10 प्रतिशत रॉयल्टी भी प्रदान कीजाएगी।
इस वर्ष पीएम-युवा 3.0 के लिए राष्ट्र-निर्माण में भारतीय प्रवासी समुदाय का योगदान, भारतीय ज्ञान परंपरा तथा आधुनिक भारत के निर्माता(1950–2025) निर्धारित विषय थे। चयनित पांडुलिपियां गैर-कथा (नॉन-फिक्शन) श्रेणी की हैं, जिनमें इतिहास, संस्कृति, विज्ञान, दर्शन, शासन व्यवस्था, सामाजिक सुधार और भारत की वैश्विक सहभागिता जैसे विषयों के माध्यम से भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य को प्रस्तुत किया गया है।
अब चयनित लेखकों का एक राष्ट्रीय शिविर आने वाले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला के दौरान आयोजित किया जाएगा। यह पुस्तक मेला 10 से 18 जनवरी, 2026 तक आयोजित होगा। पीएम-युवा 3.0 के अंतर्गत पुस्तकों का पहला समूह अगले वर्ष प्रकाशित किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत और विदेशों में भारतीय साहित्य और विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाले नई पीढ़ी के लेखकों को तैयार करना है।
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