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धमाकों की गूंज से डरकर घरों से बाहर निकले लोग, वीडियो में देखें अमेरिका ने नागरिकों को तुरंत लाहौर छोड़ने को कहा

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया दिनों में सैन्य तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। पाकिस्तानी मीडिया ने गुरुवार को दावा किया है कि भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की सीमा में ड्रोन हमला किया है। यह कथित ड्रोन हमला पंजाब प्रांत के गुजरांवाला जिले के डिंगा इलाके में हुआ, जहां एक ड्रोन खेतों में गिरा पाया गया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बन गया और सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर ड्रोन के मलबे को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तानी समाचार चैनलों की रिपोर्ट के अनुसार, इस ड्रोन को भारत की ओर से भेजा गया था और इसका उद्देश्य फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि ड्रोन में कोई विस्फोटक सामग्री थी या यह महज निगरानी के मकसद से भेजा गया था।

इस घटनाक्रम के साथ ही लाहौर से भी एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लाहौर के वाल्टन रोड क्षेत्र में गुरुवार की सुबह कई जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। यह धमाके इतने तेज थे कि आसपास के इलाके में रहने वाले लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। चश्मदीदों के अनुसार, कुछ घरों की खिड़कियां भी हिलने लगी थीं और कई जगहों पर धुएं के बादल भी देखे गए।

स्थानीय प्रशासन ने इन घटनाओं की पुष्टि करते हुए कहा है कि सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि अभी तक किसी आतंकी संगठन या विदेशी एजेंसी की भूमिका की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सेना और खुफिया एजेंसियों ने मामले को गंभीरता से लिया है।

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी पहले ही यह दावा कर चुके हैं कि लाहौर में पहले हुए ड्रोन हमले में भारत ने इज़राइली ड्रोन 'हेरोप' का इस्तेमाल किया था। उस हमले में चार सैनिक घायल और एक नागरिक की मौत हुई थी। अब जब नई घटना की खबर आई है, तो इस पूरे घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है।

भारत की ओर से इन दावों पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। नई दिल्ली की नीति आमतौर पर इस तरह के आरोपों पर चुप्पी साधने की रही है, जब तक कि घटनाओं की पुष्टि नहीं हो जाती।

हालांकि क्षेत्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह घटनाएं सच साबित होती हैं, तो यह दक्षिण एशिया में ड्रोन युद्ध और सीमा पार तकनीकी टकराव का एक नया अध्याय खोल सकती हैं।

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