पश्चिम बंगाल में एसआईआर के पर्यवेक्षक पर हमला करना निंदनीय: भाजपा सांसद भीम सिंह
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा सांसद भीम सिंह ने पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया में शामिल एक पर्यवेक्षक पर हुए हमले की निंदा की। उन्होंने मांग की कि इस हमले में संलिप्त आरोपियों को यथाशीघ्र गिरफ्तार किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि निकट भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस तरह की घटनाओं को एक सभ्य समाज में किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने मंगलवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जुटे लोगों पर हमला करना टीएमसी की साजिश है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीएमसी ने एसआईआर का विरोध किया और धरना दिया। इसी वजह से टीएमसी के कार्यकर्ताओं में एसआईआर को लेकर एक तरह का नकारात्मक भाव पैदा हो चुका है और वे एसआईआर की प्रक्रिया में जुटे लोगों को अपना दुश्मन समझ रहे हैं, जो उचित नहीं है।
भाजपा सांसद भीम सिंह ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की ओर से महाकाल मंदिर के निर्माण का ऐलान करने को उनके हृदय परिवर्तन से जोड़ने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी पिछले कुछ दिनों से लगातार बाबरी मस्जिद और रोहिंग्या के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद करती हुई नजर आ रही थीं। इसी को देखते हुए ममता बनर्जी को इस बात का एहसास हो गया कि अब अगर उन्होंने हिंदुओं के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद नहीं की तो उनके लिए आगामी स्थिति चुनौतीपूर्ण हो जाएगी। इसी को देखते हुए उन्होंने अब महाकाल मंदिर बनाने का ऐलान किया है। मुझे लगता है कि उनके इस ऐलान को सूबे की जनता अच्छे से समझ रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीएम ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव कुछ ऐसे नेता हैं जिन्होंने तुष्टीकरण में महारत हासिल कर रखी है। इन लोगों को सिर्फ तुष्टीकरण करना ही आता है। इसके इतर इन लोगों की कोई उपलब्धि नहीं है।
वहीं, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के बयान को उनके संकल्प का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने यह संकल्प लिया है कि हमारे देश में किसी भी हाल में कोई भी घुसपैठी नहीं रहना चाहिए। ये घुसपैठी हमारे संसाधनों का उपयोग करते हैं, जो कि बिल्कुल गलत है। इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से अमूल्य योगदान दिया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसी का भी जाना दुखद होता है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें शांति प्रदान हो।
उन्होंने नए साल मनाने के संदर्भ में फतवा जारी करने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि हां, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि नए साल का उत्सव हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। यह पाश्चत्य संस्कृति का हिस्सा रहा है। भारत में भी इसे बड़े पैमाने पर नववर्ष मनाया जाता रहा है, लेकिन जिस तरह से इसे लेकर लगातार फतवा जारी किया जा रहा है, वह उचित नहीं है।
वहीं, उन्होंने देहरादून में छात्र की हत्या को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि हर मामले को जाति और नस्ल की दृष्टि से देखना उचित नहीं है। यह एक आपराधिक घटना है, जिसमें शामिल आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
--आईएएनएस
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