पर्यावरण अपराध से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग मामला, ईडी ने मालब्रोस इंटरनेशनल की संपत्ति की अटैच
जालंधर, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पर्यावरण अपराध से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की करीब 79.93 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है।
यह कार्रवाई 13 दिसंबर को की गई। अटैच संपत्तियों में जमीन, इमारतें, प्लांट और मशीनरी शामिल हैं। यह कदम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत उठाया गया है।
ईडी के जालंधर जोनल कार्यालय ने यह जांच पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दर्ज कराई गई आपराधिक शिकायत के आधार पर शुरू की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 का उल्लंघन किया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने बिना शोधन किया गया गंदा पानी रिवर्स बोरिंग तकनीक के जरिए गहरे जलस्त्रोतों में इंजेक्ट किया।
ईडी की जांच में सामने आया कि कंपनी ने जानबूझकर भूजल को प्रदूषित कर अपराध से अर्जित आय (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) हासिल की। जांच के अनुसार, फिरोजपुर जिले के जीरा तहसील के मंसूरवाल गांव स्थित कंपनी की औद्योगिक इकाई लगातार और गुप्त रूप से बिना उपचारित अपशिष्ट जल को गहरे एक्विफर्स में डाल रही थी। इसके अलावा, कंपनी द्वारा अपशिष्ट जल को खुले में जमीन पर, नालों में और पास की एक चीनी मिल में भी छोड़ा जा रहा था।
ईडी ने बताया कि कंपनी का रोजमर्रा का संचालन अवैध तरीके से बिना उपचारित अपशिष्ट जल के निपटान पर आधारित था। इससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण को अपूरणीय नुकसान पहुंचा। पानी के गंभीर प्रदूषण के कारण आसपास के गांवों में फसलों को नुकसान, मवेशियों की मौत और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़े।
इससे पहले, 16 जुलाई 2024 को ईडी ने इस मामले में छह ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी के दौरान मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के परिसरों से 78.15 लाख रुपए नकद जब्त किए गए थे। यह कार्रवाई भी पीएमएलए की धारा 17 के तहत की गई थी।
ईडी ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।
--आईएएनएस
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