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पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना में छोटे बांध बनाने की मांग

भोपाल, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की नदी जोड़ो परियोजना के तहत पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक बृहद परियोजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। इस परियोजना क्षेत्र में आने वाले मध्य प्रदेश के चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात कर छोटे बांध बनाए जाने की मांग की है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना में छोटे बांध बनाने की मांग

भोपाल, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की नदी जोड़ो परियोजना के तहत पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक बृहद परियोजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। इस परियोजना क्षेत्र में आने वाले मध्य प्रदेश के चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के किसानों ने राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात कर छोटे बांध बनाए जाने की मांग की है।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक बृहद परियोजना के अंतर्गत डूब प्रभावित क्षेत्रों से जुड़ी समस्या और किसानों के हितों को लेकर हुई बैठक में परियोजना से चाचौड़ा क्षेत्र के प्रभावित किसानों, ग्रामीण आबादी, कृषि भूमि, आजीविका तथा पर्यावरणीय प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया गया कि प्रस्तावित बड़े बांध के स्थान पर छोटे बांधों या वैकल्पिक संरचनाओं पर विचार किया जाए, ताकि सिंचाई और जल प्रबंधन के उद्देश्यों की पूर्ति के साथ-साथ किसानों को न्यूनतम नुकसान हो और बड़े पैमाने पर विस्थापन की स्थिति उत्पन्न न हो।

बैठक में बताया गया कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से जुड़े निर्णय लेते समय स्थानीय जनभावनाओं, सामाजिक-आर्थिक प्रभावों, कृषि आधारित आजीविका तथा पर्यावरणीय संतुलन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल द्वारा डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों, कृषि भूमि, जलस्रोतों तथा संभावित विस्थापन से संबंधित व्यावहारिक और तथ्यपरक बिंदु केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखे गए।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि किसानों एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी बिंदुओं पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जाएगा, तथा परियोजना के क्रियान्वयन में किसानों के हितों की रक्षा और न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित विभागीय अधिकारी तकनीकी, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं का समुचित मूल्यांकन कर आगे की प्रक्रिया में इन सुझावों को सम्मिलित करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि विकास परियोजनाएं आवश्यक हैं, किंतु उनका स्वरूप ऐसा होना चाहिए जिससे कृषक समुदाय पर अनावश्यक भार न पड़े और जल संसाधन विकास के साथ सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित हो।

--आईएएनएस

एसएनपी/डीकेपी

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