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बीएमसी चुनाव पर गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की बेटी गीता बोलीं- पापा तो रॉबिन हुड हैं, पूरे देश में है उनका नाम

मुंबई, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की बेटी गीता गवली ने बीएमसी चुनाव पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 15-18 सालों से हम काम कर रहे हैं। पिता इस वक्त साथ में मौजूद हैं, तो हम खुद को ताकतवर महसूस कर रहे हैं।
बीएमसी चुनाव पर गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की बेटी गीता बोलीं- पापा तो रॉबिन हुड हैं, पूरे देश में है उनका नाम

मुंबई, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की बेटी गीता गवली ने बीएमसी चुनाव पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 15-18 सालों से हम काम कर रहे हैं। पिता इस वक्त साथ में मौजूद हैं, तो हम खुद को ताकतवर महसूस कर रहे हैं।

गीता गवली ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि दो चुनावों के वक्त पिता नहीं थे, लेकिन इस बार पिता साथ में हैं, तो हम खुद को ताकतवर महसूस कर रहे हैं। वह हमारे साथ नामांकन के दौरान मौजूद थे। हम लोग काफी उत्साहित थे।

उन्होंने कहा कि हमने काम किया है, इसलिए हमारे अंदर काफी आत्मविश्वास है। हम लोगों के साथ परिवार की तरह जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के मुद्दे बहुत हैं। फंड से लोगों के लिए तरह-तरह के काम होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य और शिक्षा पर काम करना है। बेघर लोगों के लिए भी हम काम करने वाले हैं।

गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली को लेकर बेटी गीता ने कहा कि पापा तो रॉबिन हुड हैं। उन्होंने काम किया है, पूरे देश में उनका नाम है। अच्छे काम किए हैं, इसलिए नाम है।

उन्होंने कहा कि पहले मैं अपने पिता की बेटी हूं। फिर मैंने भी काम करना शुरू किया और मेरी भी पहचान बन गई। जब पापा एमएलए थे, तो 2007 में महिला सीट घोषित हो जाने के बाद मुझे चुनाव लड़ना पड़ा। यहीं से मेरी राजनीति की शुरुआत हुई।

उन्होंने कहा कि पहले मेरा कॉन्फिडेंस डाउन था, मैं शर्मीली थी, लेकिन धीरे-धीरे आत्मविश्वास आ गया। उन्होंने कहा कि पिता के नाम से मुझे ज्यादा इज्जत मिलती है। मुझे कभी नकारात्मक महसूस नहीं हुआ। जब वह जेल में थे, तब उनकी कमी खलती थी। परिवार अधूरा था, लेकिन अब पूरा है।

उन्होंने यह भी कहा कि विरोधी के तौर पर कोई नहीं है। अगर कोई प्रतिद्वंद्वी आएगा तो भी उसका सामना करेंगे। हम लोगों के साथ सालों से जुड़े हुए हैं। मुझे लोगों का समर्थन मिला हुआ है। हम किसी के साथ समझौता नहीं करने वाले हैं। पिता की पार्टी से ही हम चुनाव लड़ने वाले हैं।

पिता के जेल से बाहर आने पर उन्होंने कहा कि हम उनके बाहर आने की उम्मीद पर ही जी रहे थे। देर से बाहर आए, लेकिन अब हम खुश हैं। उन्होंने अपनी बहन को लेकर कहा कि वह पहले से ही राजनीति में हैं। वह वार्ड में सक्रिय रहती थीं। उन्हें अनुभव है।

क्या पिता प्रचार करने आएंगे? इस पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देखते हैं क्या होता है। अगर वह हमारे लिए चुनाव प्रचार करने आते हैं तो इसका हमें फायदा होगा।

--आईएएनएस

एएमटी/डीकेपी

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