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पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ विपक्ष लामबंद, 8 फरवरी 2026 को ब्लैक डे मनाने का ऐलान

इस्लामाबाद, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तानी हुक्मरानों के खिलाफ आवाम में नाराजगी है। आए दिन धमाकों और बिगड़ते आर्थिक हालात समेत सियासी घमासान का देश पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। यही वजह है कि विरोधी खेमा लामबंद हो सत्ता को चुनौती पेश करने को आतुर दिख रहा है और इसकी तपिश महसूस की जाने लगी है। विपक्षी दलों के गठबंधन तहरीक तहफुज आईन-ए- पाकिस्तान (टीटीएपी) ने मौजूदा सरकार की असफलताओं की फेहरिस्त बना घोषणा की है कि वो इस मनमानी का मिलकर जवाब देंगे।
पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ विपक्ष लामबंद, 8 फरवरी 2026 को ब्लैक डे मनाने का ऐलान

इस्लामाबाद, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तानी हुक्मरानों के खिलाफ आवाम में नाराजगी है। आए दिन धमाकों और बिगड़ते आर्थिक हालात समेत सियासी घमासान का देश पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। यही वजह है कि विरोधी खेमा लामबंद हो सत्ता को चुनौती पेश करने को आतुर दिख रहा है और इसकी तपिश महसूस की जाने लगी है। विपक्षी दलों के गठबंधन तहरीक तहफुज आईन-ए- पाकिस्तान (टीटीएपी) ने मौजूदा सरकार की असफलताओं की फेहरिस्त बना घोषणा की है कि वो इस मनमानी का मिलकर जवाब देंगे।

दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (नेशनल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस) के बाद जारी घोषणा-पत्र में, विपक्ष ने 8 फरवरी 2026 को 'ब्लैक डे' (यौम-ए-सियाह) मनाने का फैसला किया है, जो 2024 के आम चुनावों में कथित धांधली की दूसरी वर्षगांठ होगी। स्थानीय मीडिया ने इसे रिपोर्ट किया है।

डॉन के अनुसार, इस दिन पूरे देश में चक्का जाम और शटर डाउन हड़ताल का ऐलान किया गया, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन और ब्लैक डे मनाने की अपील की गई।

टीटीएपी, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेमैप) और अन्य विपक्षी दल शामिल हैं, ने सम्मेलन में मांग की कि निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की स्वतंत्र नियुक्ति हो, और सत्ता का सुचारु हस्तांतरण सुनिश्चित किया जाए।

इसमें 8 फरवरी, 2024 के चुनावों को धांधली बताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की गई, और यह मांग की गई कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाए और उन्हें दंडित किया जाए।

जियो मीडिया आउटलेट के अनुसार, गठबंधन ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता ने आर्थिक संकट को गहरा कर दिया है, और नागरिक अधिकारों और अहम संस्थाओं की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। विपक्ष ने 2024 के चुनावों को 'धोखाधड़ी'और मौजूदा सरकार को 'नाजायज' बताया है।

पीटीआई प्रमुख इमरान खान और उनकी पत्नी को सुनाई गई सजा की निंदा की। इसके साथ ही खान की बहनों के साथ दुर्व्यवहार पर भी हैरानी जताई, जिसमें उनके बाल खींचने और कथित तौर पर केमिकल वाले पानी के तोपों के इस्तेमाल की घटनाएं शामिल हैं।

गठबंधन ने इमरान खान, बुशरा बीबी, शाह महमूद कुरैशी, एजाज चौधरी, यास्मीन राशिद, सरफराज चीमा, मियां महमूदुर राशिद, साहिबजादा हामिद रजा, अली वजीर, हाजी अब्दुल समद और वली मोहम्मंद सहित सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की।

वहीं, खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने कहा कि आर्थिक गिरावट, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है, जबकि लोगों में निराशा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हितधारकों के साथ सामूहिक बातचीत से संकट को कम किया जा सकता था, लेकिन कुप्रबंधन के कारण हालात और खराब हो गए हैं।

पीटीआई के पूर्व नेता इमरान खान, जो जेल में हैं, ने पहले भी 2024 चुनावों की पहली वर्षगांठ पर (8 फरवरी 2025) ब्लैक डे मनाने का ऐलान किया था, जिसमें देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस बार टीटीएपी ने इसे और व्यापक बनाने की योजना बनाई है, जिसमें लंदन जैसे अंतरराष्ट्रीय शहरों में भी विरोध प्रदर्शन शामिल हैं। नवंबर 2025 में संसद भवन से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च भी इसी मोर्चेबंदी का हिस्सा था।

विपक्ष का आरोप है कि सरकार बातचीत नहीं चाहती और विरोध को दबाने की कोशिश कर रही है। हालिया पोस्टों में कार्यकर्ताओं ने देशव्यापी विरोध और धरनों का आह्वान किया है।

यह घटनाक्रम पाकिस्तान में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाता है, जहां विपक्ष सरकार पर सैन्य हस्तक्षेप और चुनावी धांधली का आरोप लगाता रहा है।

--आईएएनएस

केआर/

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