पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री ने माना: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नूर खान एयरबेस पर हमला किया
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार ने एक दुर्लभ और सीधा बयान जारी करते हुए स्वीकार किया है कि भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस सहित अहम सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए थे। यह बयान पाकिस्तान की ओर से संघर्ष के दौरान लिए गए पूरक कदमों तथा उसके बाद के तनाव को लेकर आए विभिन्न दावों के बीच एक बड़ा पलटा हुआ बयान माना जा रहा है भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तब चरम पर पहुंचा जब 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। भारतीय सरकार ने इसे गंभीर आतंकवादी कार्रवाई बताया और उसके तुरंत बाद ऑपरेशन सिंदूर नाम से एक सैन्य अभियान शुरू किया। इसका उद्देश्य पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों और आतंकवादी सहायता नेटवर्क को निशाना बनाना था।
BREAKING || Pak's Big 'Op Sindoor' Admission
— TIMES NOW (@TimesNow) December 27, 2025
We don’t need any admission from Pakistan. Our DGMO and Army told us how they went inside and destroyed terror camps and military bases. But the Congress chose not to believe it....: @shehzad_ind speaks to @heenagambhir pic.twitter.com/u6JhwTwzEF
डार ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि भारत की सटीक और तीव्र कार्रवाई ने पाकिस्तान को आश्चर्यचकित कर दिया, और उसने फलस्वरूप संघर्ष को रोकने के लिए अल्प समय में शांतिपूर्ण समाधान की मांग की। उन्होंने कहा कि भारतीय मिसाइलों और ड्रोन हमलों ने पाकिस्तानी एयरबेस के रनवे, हैंगर और सैन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया। इसका प्रभाव इतना गहरा था कि पाकिस्तान ने उच्च स्तर पर कुछ देशों से मध्यस्थता के लिए संपर्क किया, जिसमें सऊदी अरब के राजकुमार की भूमिका भी शामिल थी, जिन्होंने डार से तत्काल बातचीत की पेशकश की इस बयान से पहले पाकिस्तान की सरकार और सैन्य अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया था कि भारत ने एयरबेसों को इतना सटीक और व्यापक रूप से निशाना बनाया था। पहले यह दावा किया गया था कि किसी भी महत्वपूर्ण हानि की पुष्टि नहीं हुई या यह कि पाकिस्तानी वायु रक्षा ने अधिकांश हमलों को विफल कर दिया। लेकिन अब डार की मान्यता ने उस कथन को कमजोर कर दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत की रणनीति प्रभावी रही थी, और पाकिस्तान को अप्रत्याशित परिस्थितियों के बीच शांतिपूर्ण विकल्प अपनाना पड़ा उनके बयान के अनुसार, हमले के केवल 45 मिनट के भीतर ही सऊदी राजकुमार ने डार से फोन पर संपर्क किया और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर तक शांतिपूर्ण प्रस्ताव पहुँचाने के लिए बातचीत का प्रस्ताव रखा। डार के अनुसार, पाकिस्तान ने खुद यह संकेत दिया कि वह संघर्ष को बढ़ाने के बजाय बातचीत के लिए तैयार है।
विश्लेषकों के अनुसार यह मान्यता यह दिखाती है कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक रणनीतिक जवाब नहीं था, बल्कि इसने क्षेत्र में तनाव की नई लकीरें भी खींच दीं। भारत ने इस ऑपरेशन को “सटीक, नियंत्रित और गैर-एस्केलेटर” बताया था, जिसमें सीमा पार आतंकवाद और उसकी सहायता नेटवर्क को सीधा जवाब दिया गया। वहीं पाकिस्तान के बयान से यह स्पष्ट हुआ कि उन एयरबेसों पर हुए हमलों ने उसकी सैन्य प्रत्याशा और प्रतिक्रिया की क्षमता को प्रभावित किया

