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चंडीगढ़: पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी बोले, सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा जरूरी

चंडीगढ़, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। पद्मश्री पुरस्कार विजेता जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि पंजाब स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन की ओर से सफाईकर्मियों की सुरक्षा के संबंध में एक दिशानिर्देश जारी किया गया है, जिसमें यह मांग की गई है कि सुरक्षाकर्मियों के लिए सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध कराए जाएं ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो।
चंडीगढ़: पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी बोले, सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा जरूरी

चंडीगढ़, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। पद्मश्री पुरस्कार विजेता जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि पंजाब स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन की ओर से सफाईकर्मियों की सुरक्षा के संबंध में एक दिशानिर्देश जारी किया गया है, जिसमें यह मांग की गई है कि सुरक्षाकर्मियों के लिए सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध कराए जाएं ताकि उनके साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हो।

उन्होंने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आज की तारीख में प्रदेश में सुरक्षाकर्मियों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। दुर्भाग्य की बात है कि इस दिशा में किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से सफाईकर्मियों की हालत और ज्यादा बदतर हो रही है।

उन्होंने जानकारी दी कि आमतौर पर सफाईकर्मियों को सुरक्षा से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी किसी विशेष एजेंसी को दी जाती है और इस मामले में गंभीरता नहीं बरती जाती है। इस वजह से सफाईकर्मियों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि वे खुद की जान को खतरे में डालते हुए सफाई से संबंधित कामों में जुटते हैं।

पद्मश्री पुरस्कार विजेता जितेंद्र सिंह शंटी ने बताया कि सबसे ज्यादा महिला सफाईकर्मियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनके साथ अतिरिक्त समस्या यह रहती है कि उन्हें अपने साथ काम पर बच्चों को भी लाना पड़ता है। इस वजह से वो खुद तो संकट में पड़ती ही हैं, साथ में उनके बच्चों को भी कई प्रकार का खतरा रहता है। इन सब स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने अपने दिशानिर्देश में महिला सफाईकर्मियों के बच्चों को भी सुरक्षा से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सफाईकर्मियों ने एक योद्धा की तरह काम किया। सफाईकर्मियों ने अपने काम के माध्यम से अपने साहस का परिचय दिया है। लेकिन, मौजूदा समय में जिस तरह से उन्हें ग्लव्स, कैप जैसे सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, उससे उनके साथ अन्याय हो रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी इस संदर्भ में टिप्पणी की जा चुकी है, जिसमें कहा जा चुका है कि जो लोग सीवर में उतरते हैं, वो ना उतरें। उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। सीवर में उतरने वाले सफाईकर्मियों के संबंध में तो इस तरह की टिप्पणी की जा चुकी है, लेकिन अफसोस की बात है कि दिन-प्रतिदिन की सफाई में जुटने वाले सफाईकर्मियों के संदर्भ में अभी तक किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसी को देखते हुए चंडीगढ़ ह्यूमन राइट्स कमीशन की ओर से इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किया गया है, जिसमें उन्हें सुरक्षा से संबंधित सभी उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि अगर दुर्भाग्यवश किसी सफाई कर्मचारी की ऑन ड्यूटी मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें दो करोड़ रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही, उनके परिवार में से किसी एक सदस्य को भी नौकरी मिलनी चाहिए। हमने अपने एडवाइजरी में इसकी भी मांग की है।

उन्होंने 9 दिसंबर को जारी एडवाइजरी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले हमने हॉस्पिटल और शमशान घाट के लिए भी एडवाइजरी जारी की थी, तो आपने देखा होगा कि दो दिन के बाद ही मुख्यमंत्री ने आश्वस्त करते हुए निर्देश दिया था कि सभी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार मुफ्त करना होगा। किसी को भी कोई शुल्क नहीं देना होगा।

उन्होंने कहा कि हमने 9 तारीख को एडवाइजरी जारी की थी, तभी दो लाख सवा दो लाख रुपये की वजह से एक अस्पताल में एक डेड बॉडी रोक दी गई थी, जबकि हमें इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली थी। लेकिन, हमने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया। हमने स्वास्थ्य विभाग और जिलाधिकारी को भी नोटिस जारी किया। हम इस संबंध में एक-दो तिथि और देंगे। लेकिन, जो कर्मचारी पंजाब स्टेट और चंडीगढ़ ह्यूमन राइट्स कमीशन के निर्देश की अवहेलना करेंगे, हम सिफारिश करेंगे कि ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके वेतन को अटैच किया जाए।

--आईएएनएस

एसएचके/डीएससी

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