'सेना का अपमान बर्दाश्त नहीं', कांग्रेस नेता के बयान पर राजकुमार चाहर की तीखी प्रतिक्रिया
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर दिए गए बयान पर राजकुमार चाहर ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान भारतीय सशस्त्र बलों का अपमान हैं और सेना का मनोबल गिराने का काम करते हैं।
चाहर ने आईएएनएस से कहा, "ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव पूरी दुनिया ने देखा है। सभी जानते हैं कि इस अभियान में पाकिस्तान को किस तरह जवाब दिया गया। ऐसे में इस पर सवाल उठाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।"
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस नेताओं की हताशा, निराशा और हार की भावना अब साफ झलकने लगी है। स्थिति यह हो गई है कि वे अनजाने में पाकिस्तान के पक्ष में बोलने लगते हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस नेताओं को सद्बुद्धि दे।
बता दें कि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन के पहले ही दिन भारत पूरी तरह हार गया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इस दौरान सेना की एक किलोमीटर तक की मूवमेंट नहीं हुई और दो-तीन दिनों तक सिर्फ हवाई और मिसाइल युद्ध हुआ। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया था कि अगर भविष्य में युद्ध ऐसे ही लड़े जाएंगे, तो क्या 12 लाख सैनिकों की सेना की जरूरत है या उनसे कोई और काम कराया जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इथियोपिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजकुमार चाहर ने खुशी जताते हुए इसे पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी को जॉर्डन और इथियोपिया जैसे देशों में सम्मान मिला है, उससे हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहा है। यह सिर्फ प्रधानमंत्री का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का सम्मान है। इस उपलब्धि से सभी भारतीय बेहद प्रसन्न हैं।
इसके अलावा, राजकुमार चाहर ने 'विकसित भारत- जी राम जी बिल' को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में भी जवाहर रोजगार योजना और बाद में मनरेगा जैसी योजनाएं चलाई गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी स्वयं 'राम-राम' कहते थे और 'रघुपति राघव राजा राम' का पाठ करते थे, ऐसे में कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर लगातार बयानबाजी करना अनैतिक है। मनरेगा को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए उसमें सुधार किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल एसआईआर पर बोलते हुए भाजपा सांसद ने साफ किया कि किसी का भी नाम मनमाने ढंग से नहीं हटाया गया है। यह प्रक्रिया पूरी तरह सत्यापन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का निधन हो चुका है, जिन्होंने स्थान बदल लिया है या जिनके नाम दो जगह दर्ज हैं, उन्हें सूची में नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को भी वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे गरीब भारतीयों के अधिकारों पर असर डालते हैं।
--आईएएनएस
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