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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस: सरकारी डिजिटल पहलों के माध्यम से सशक्त हो रहे उपभोक्ता

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है, जो उपभोक्ता अधिकारों के महत्व और उपभोक्ता संरक्षण के व्यापक ढांचे को उजागर करता है। इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, जिसने उपभोक्ताओं के लिए एक व्यापक अधिकारों का सेट स्थापित किया।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस: सरकारी डिजिटल पहलों के माध्यम से सशक्त हो रहे उपभोक्ता

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत में प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है, जो उपभोक्ता अधिकारों के महत्व और उपभोक्ता संरक्षण के व्यापक ढांचे को उजागर करता है। इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, जिसने उपभोक्ताओं के लिए एक व्यापक अधिकारों का सेट स्थापित किया।

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना तथा निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

हर वर्ष राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस को एक अलग विषय पर आयोजित किया जाता है। इस साल इसका विषय डिजिटल न्याय के साथ सक्षम और त्वरित निष्पादन रखा है।

केंद्र सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को संरक्षण प्रदान करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 लाया गया था। यह कानून 20 जुलाई 2020 को लागू हुआ।

यह कानून 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को प्रतिस्थापित करता है और विवाद निपटान एवं बाजार जवाबदेही के लिए एक बेहतर समकालीन ढांचा प्रस्तुत करता है। यह अधिनियम उपभोक्ता कल्याण की रक्षा करने और व्यावसायिक लेन-देन में निष्पक्षता को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

सरकार उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए एक कई डिजिटल पहलें भी कर रही है। इसमें ई-जागृति पहल भी शामिल है, जिसे 1 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था।

यह भारत में उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में बड़ी तेजी से उभरा है। यह पूर्व प्रणालियों, जिसमें ओसीएमएस, ई-दाखिल, एनसीडीआरसी सीएमएस तथा कॉन्फोनेट शामिल हैं, उनको एक एकल, सुव्यवस्थित इंटरफेस में एकीकृत करता है, उनकी पहुंच को बढ़ाया जाता है और प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाता है। अब यह एनसीडीआरसी तथा सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में कार्यरत है।

नवंबर 2025 के मध्य तक, इस मंच ने 1.35 लाख से अधिक मामले दर्ज करने में सहायता प्रदान की है और 1.31 लाख से अधिक मामलों के निपटारे को सक्षम बनाया है। इसके 2.81 लाख से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओ का आधार शामिल है, जिसमें 1,400 गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई) शामिल हैं। कुल 466 शिकायतें गैर-निवासी भारतीयों द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका (146), यूनाइटेड किंगडम (52), यूएई (47), कनाडा (39), ऑस्ट्रेलिया (26) और जर्मनी (18) सहित देशों से दर्ज की गईं।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अपने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को अपग्रेड किया है, जिसमें एआई-सक्षम एनसीएच 2.0 को पेश किया गया है, जो बहुभाषी सहायता, चैटबॉट-समर्थित इंटरैक्शन और तेज शिकायत निपटान प्रदान करता है। पोर्टल उपभोक्ताओं को ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करने, पूर्व-मुकदमेबाजी उपचार प्राप्त करने और अपने अधिकारों संबंधी जानकारी तक पहुंचने में सक्षम बनाता है। राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने उन्नत तकनीकी समाधानों को एकीकृत करके अपनी पहुंच और परिचालन दक्षता को काफी बढ़ाया है। एनसीएच द्वारा प्राप्त कॉल की संख्या दिसंबर 2015 में 12,553 से बढ़कर दिसंबर 2024 में 1,55,138 हो गई है।

जागो ग्राहक जागो ऐप सत्यापित ई-कॉमर्स जानकारी प्रदान करता है और उपयोगकर्ताओं को संभावित असुरक्षित वेबसाइटों के बारे में अलर्ट करता है, जबकि जागृति ऐप उपभोक्ताओं को संदिग्ध यूआरएल को सीधे केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को रिपोर्ट करने में सक्षम बनाता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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