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नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को कैबिनेट ने दी मंजूरी, पीएम मोदी ने कहा- 'ग्रोथ के लिए नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर'

नई दिल्ली/मुंबई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। वर्ष 2025 के आखिरी दिन मोदी सरकार ने महाराष्ट्र को बड़ी विकास सौगात दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 374 किलोमीटर लंबे सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को कैबिनेट ने दी मंजूरी, पीएम मोदी ने कहा- 'ग्रोथ के लिए नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर'

नई दिल्ली/मुंबई, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। वर्ष 2025 के आखिरी दिन मोदी सरकार ने महाराष्ट्र को बड़ी विकास सौगात दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 374 किलोमीटर लंबे सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है।

इस परियोजना की कुल लागत 19,142 करोड़ रुपए है और इसे बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) टोल मोड पर बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "ग्रोथ के लिए नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे हैं। कैबिनेट ने महाराष्ट्र में सिक्स-लेन नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को मंजूरी दे दी है। पीएम गतिशक्ति के तहत, यह बड़ा प्रोजेक्ट ट्रैवल टाइम को काफी कम करेगा, पश्चिम से पूर्व कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।"

यह परियोजना प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कॉरिडोर नासिक, अहिल्यानगर (अहमदनगर), धराशिव (ओसमानाबाद) और सोलापुर जिलों को जोड़ेगा तथा आगे कुरनूल (आंध्र प्रदेश) तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधी कनेक्टिविटी देगा।

परियोजना को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (वधावन बंदरगाह इंटरचेंज के पास), आगरा-मुंबई कॉरिडोर (नासिक में एनएच-60 अदेगांव जंक्शन पर) और समृद्धि महामार्ग (पांगरी, नासिक के पास) से जोड़ा जाएगा। चेन्नई बंदरगाह से हसापुर (महाराष्ट्र सीमा) तक लगभग 700 किमी का फोर-लेन कॉरिडोर पहले से निर्माणाधीन है, जो इसे पूर्ण सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा बनाता है।

परियोजना के पूरे होने पर कई लाभ देखने को मिलेंगे। इनमें यात्रा समय में 17 घंटे (31 घंटे से 45 प्रतिशत कमी) की बचत, यात्रा दूरी में 201 किमी की कमी, औसत वाहन गति 60 किमी/घंटा, डिजाइन गति 100 किमी/घंटा, क्लोज टोलिंग सिस्टम के साथ सुरक्षित, तेज और निर्बाध यातायात, लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार, खासकर एनआईसीडीसी नोड्स (कोप्पार्थी और ओरवाकल) के लिए माल ढुलाई और नासिक-तलेगांव दिघे खंड पुणे-नासिक एक्सप्रेसवे की आवश्यकता पूरी होगी।

रोजगार सृजन के मामले में यह परियोजना 251.06 लाख प्रत्यक्ष मानव-दिवस और 313.83 लाख अप्रत्यक्ष मानव-दिवस का रोजगार पैदा करेगी। कॉरिडोर के आसपास आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, औद्योगिक विकास तेज होगा और यात्री-मालवाहक वाहनों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

--आईएएनएस

एससीएच/एबीएम

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