मिर्च-मसाला लगाकर खा रहा था मां का शरीर, कलयुगी बेटे की हरकत देख पुलिस को भी आ गई उल्टी

गणपति पूजा के तीसरे दिन, कोल्हापुर के शाहुपुरी पुलिस स्टेशन में एक भयंकर घटना की सूचना आई। हेड कॉन्स्टेबल तानाजी रामचंद्र चौंगले को एक फोन पर बताया गया कि ‘मां का मर्डर हो गया है’। मामला ताराराणी चौक की कावला नाका स्थित माकड़वाला बस्ती का था, जहां आदिवासी समुदाय कुचकोरवी रहते थे।
खून से सनी नाली और खौफनाक मंजर
पुलिस जब现场 पहुंची, तो नाली में पानी नहीं, खून बह रहा था। आगे बढ़ने पर एक टिन की झोपड़ी दिखी, जहां अंदर का दृश्य देख पुलिस के होश उड़ गए। कमरे में खून से सना एक शख्स बैठा था, उसके पास धारदार तीन चाकू थे। वहीं, जमीन पर एक बुजुर्ग महिला की लाश पड़ी थी, जिसके शरीर के अंगों को बेरहमी से काटा गया था—आंत, कलेजा, दिल, स्तन तक निकाले गए थे। पुलिस कर्मियों को देखकर कुछ कॉन्स्टेबल उल्टी करने लगे।
शव के साथ भयानक कांड
कमरे के दूसरे हिस्से में गैस चूल्हे पर मांस पक रहा था, जिस पर नमक, मिर्च और चटनी डाली गई थी। पास ही हड्डी का टुकड़ा तेल में पड़ा था। भीड़ में से एक शख्स, राजू कुचकोरवी, सामने आया और बताया कि खून में लथपथ बैठा वह शख्स उसका भाई सुनील कुचकोरवी है, जिसने उनकी मां यल्लवा रामा कुचकोरवी को मार डाला और खा लिया।
गुनाह कबूल, शर्मनाक सच्चाई
सुनील ने पुलिस को बताया कि वह अपनी 63 वर्षीय मां से शराब के लिए पैसे मांग रहा था। मां ने मना कर दिया और कहा, ‘पैसे नहीं है मेरे पास, आ, मुझे भूनकर खा ले।’ इस अपमान और क्रोध में उसने मां की हत्या की, अंगों को निकाला और तवे पर पकाकर खा लिया।
जांच और सजा
कोल्हापुर पुलिस ने पूरी घटना की जांच की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच ने सबूतों की पुष्टि की। 2021 में अदालत ने सुनील को मौत की सजा सुनाई। उसने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की, लेकिन करीब तीन साल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला सही माना और इसे ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ (बहुत ही दुर्लभ और गंभीर) मामला बताया। यह मामला न केवल मानवता को शर्मसार करने वाला था, बल्कि यह मानसिक रोग, शराब की लत और सामाजिक समस्याओं की गहरी झलक भी पेश करता है। इस प्रकार के अपराध समाज के लिए चेतावनी हैं कि हमें मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक कलह पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।