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मां ने 4 बच्चों को ज़हर खिलाया, 3 की मौत, खुद ने भी तोड़ा दम, जानिए दिल दहला देने वाली घटना

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बिहार के औरंगाबाद जिले से मंगलवार सुबह एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। रफीगंज रेलवे स्टेशन पर एक महिला ने अपने चार मासूम बच्चों को ज़हर खिला दिया और फिर खुद भी ज़हर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस हृदयविदारक घटना में तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि महिला और उसका एक बेटा अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है और समाज को एक बार फिर पारिवारिक कलह की गंभीरता पर सोचने को मजबूर कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना मंगलवार सुबह की है जब यात्रियों ने रफीगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर एक महिला और चार बच्चों को अचेत अवस्था में तड़पते हुए देखा। यात्रियों ने तुरंत स्टेशन पर मौजूद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सूचना दी। मौके पर पहुंचे जवानों ने महिला और बच्चों को एंबुलेंस से स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने तीन बच्चों को मृत घोषित कर दिया।

मृतकों की पहचान और पीड़ितों की स्थिति

पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद पीड़ितों की पहचान की है:

  • महिला: सोनिया देवी (निवासी – झिकटिया गांव, थाना – बंदेया)

  • पति: रवि बिंद

  • मृत बच्चे: सूर्यमणि, शिवानी और राधा

  • गंभीर अवस्था में: सोनिया देवी और उनका सबसे छोटा बेटा

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, सोनिया और बेटे की हालत नाजुक बनी हुई है, और उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

पारिवारिक कलह बनी आत्मघाती कदम की वजह

पुलिस और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार रात को सोनिया और उसके पति रवि बिंद के बीच किसी बात को लेकर गंभीर विवाद हुआ था। रवि ने गुस्से में घर छोड़ने की धमकी दी थी और सुबह काम पर निकल गए। इसके बाद सोनिया बच्चों को लेकर मायके जाने का बहाना बनाकर घर से निकली और रफीगंज रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां जाकर उसने चारों बच्चों को ज़हर मिलाकर कुछ खिलाया, और फिर खुद भी ज़हर खा लिया।

स्टेशन परिसर में मचा हड़कंप

जब यात्रियों ने महिला और बच्चों को अजीब हालत में देखा तो पूरे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। किसी ने ज़हर खाने की आशंका जताई तो कुछ देर में मौके पर पुलिस पहुंची। स्टेशन परिसर से एक जहरीली दवा की शीशी भी बरामद की गई है, जिसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। बच्चों के चाचा ने पुलिस को बताया कि सोनिया पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान थी और पारिवारिक झगड़े उसे तोड़ते जा रहे थे।

पति सदमे में, जांच जारी

तीन मासूम बच्चों की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। पीड़ित पिता रवि बिंद सदमे में हैं, और बात करने की स्थिति में नहीं हैं। पुलिस ने मामले में आत्महत्या के प्रयास और हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल की फोटोग्राफी और CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं।

सामाजिक चेतावनी और जरूरी सबक

यह हृदयविदारक घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि पारिवारिक तनाव, संवादहीनता और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना कितना घातक साबित हो सकता है। यदि समय रहते महिला की मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया गया होता या परिवार में संवाद बना रहता, तो शायद आज तीन मासूम जिंदगियां इस दुनिया में होतीं। इस तरह की घटनाएं समाज के हर वर्ग को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, पारिवारिक संवाद और समय पर परामर्श की महत्ता का संदेश देती हैं। यह जरूरी है कि हम अपने आस-पास के लोगों की भावनात्मक स्थिति को समझें और जरूरत पड़ने पर मदद का हाथ बढ़ाएं।

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