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मेरे पिता से सीख लेकर दिग्विजय सिंह को संन्यास लेना चाहिए : निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हाल ही में संघ की तारीफ करने वाली पोस्ट के बाद अपनी ही पार्टी में घेराबंदी का शिकार हो गए हैं। मध्य प्रदेश से कांग्रेस नेता निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को अब मार्गदर्शक की भूमिका में आना चाहिए और नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए।
मेरे पिता से सीख लेकर दिग्विजय सिंह को संन्यास लेना चाहिए : निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हाल ही में संघ की तारीफ करने वाली पोस्ट के बाद अपनी ही पार्टी में घेराबंदी का शिकार हो गए हैं। मध्य प्रदेश से कांग्रेस नेता निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को अब मार्गदर्शक की भूमिका में आना चाहिए और नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए।

नई दिल्ली में निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि दिग्विजय सिंह ने संघ के संगठन की तारीफ की और कहा कि कैसे आम कार्यकर्ता मुख्यमंत्री से लेकर पीएम तक बना। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई वोट चोरी की सरकार से है, एसआईआर को लेकर हम लगातार मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जिस तरह पोस्ट कर रहे हैं, क्या वे पार्टी लाइन से बाहर नहीं जा रहे हैं। यह पार्टी लाइन से अलग बात है। एक तो यह गलत बात है, दूसरी वे पार्टी के मुद्दों को नकार रहे हैं। जिन मुद्दों को लेकर पार्टी लड़ रही है, उसे कमजोर किया जा रहा है।

निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने, तो यह उनके संगठन की ताकत की वजह से नहीं था। वह अपने ही संगठन में हेरफेर करके, पार्टी के सीनियर नेताओं को किनारे करके प्रधानमंत्री बने। हम कह रहे हैं कि 2019 और 2024 में बनी सरकारें वोट चोरी, हेरफेर और धांधली की वजह से बनीं। क्या दिग्विजय सिंह पार्टी से इतने कटे हुए हैं कि वह पूरी तरह से पार्टी लाइन छोड़ रहे हैं? कांग्रेस पार्टी का संघर्ष विचारधारा पर आधारित है। हमारी विचारधारा समावेशी है, जबकि संघ की विचारधारा ध्रुवीकरण की है।

उन्होंने कहा कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उनके पोस्ट पर नजर होती है। वरिष्ठ नेता होने के नाते उनका संघ संगठन की तारीफ करना शोभा नहीं देता। उन्हें जिम्मेदारी से बातें रखनी चाहिए। अगर कोई शिकायत है तो सुझाव दे सकते हैं। संगठन की बात करनी है तो अपने संगठन की करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से संघ की विचारधारा की तुलना नहीं की जा सकती है। दिग्विजय सिंह जिस जगह पर हैं, कांग्रेस में अगर एक कार्यकर्ता भी है, जैसा मैंने पहले भी कहा कि यही तो हमारी पार्टी की खूबसूरती है। हमारी पार्टी इतनी डेमोक्रेटिक है कि अगर आपको किसी से मिलना है, किसी को कोई सुझाव देना है, कोई शिकायत-शिकवा है, तो आप अपनी बात खुलकर रख सकते हैं।

निधि सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता को ऐसी असुरक्षा नहीं होनी चाहिए। लेकिन हां, मैं यह भी कहना चाहूंगी कि अब हर चीज का एक समय होता है। एक समय आ गया है। उन्होंने पार्टी में बहुत योगदान दिया है। हम सब उनकी बहुत तारीफ करते हैं। इस चीज के लिए उनको बहुत साधुवाद है। भगवान करें कि वह हमें और मार्गदर्शन करते रहें।

उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन का जिक्र करते हुए कहा कि वे संघ से जुड़े नहीं है और पहली बार भाजपा के इतिहास में संघ से जुड़ा व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बन रहा है।

--आईएएनएस

डीकेएम/एबीएम

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