मनरेगा विवाद पर बोले इमरान प्रतापगढ़ी, गांधी के नाम से क्या तकलीफ है?
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम जी योजना' करने के प्रस्ताव को लेकर सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला दिखाता है कि मौजूदा सरकार को महात्मा गांधी के नाम से कितनी परेशानी है।
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि जब भी किसी योजना, संस्था या कार्यक्रम से गांधी का नाम जुड़ता है, भाजपा उसे हटाने या बदलने की कोशिश करती है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसी सोच है और सरकार देश को किस दिशा में ले जाना चाहती है। उनका कहना है कि गांधी सिर्फ भारत के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए सम्मान का प्रतीक हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में जाइए, वहां महात्मा गांधी का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। कई देशों में उनकी मूर्तियां लगी हुई हैं, जहां लोग फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि देते हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अपने ही देश में गरीबों के लिए चलाई जा रही एक अहम योजना से गांधी का नाम हटाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि मनरेगा देश के करोड़ों गरीबों और मजदूरों के लिए एक जरूरी योजना है। यह योजना गांवों में रोजगार देने और लोगों को आर्थिक सहारा देने का काम करती है। प्रतापगढ़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अपना 2014 का भाषण याद रखना चाहिए, जिसमें उन्होंने मनरेगा को पिछली सरकार की स्मारक बताया था। अब वही सरकार इस योजना को चला भी रही है और उसका नाम बदलकर इसे छोटा दिखाने की कोशिश कर रही है।
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि भाजपा चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, वह गांधी का कद छोटा नहीं कर सकती। जब भी जी20 जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होते हैं और दुनिया के 20 बड़े देशों के नेता भारत आते हैं, तो वे राजघाट जाकर गांधी समाधि पर सिर झुकाते हैं। इससे साफ पता चलता है कि गांधी का नाम कितना बड़ा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के करीब 80 देशों में महात्मा गांधी की प्रतिमाएं लगी हैं। ऐसे व्यक्ति के नाम को अपने ही देश में योजनाओं से हटाना समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि आज सत्ता भाजपा के पास है, वह नाम बदल सकती है, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आएगी, तो महात्मा गांधी के नाम पर और भी नई योजनाएं शुरू की जाएंगी।
--आईएएनएस
पीआईएम/डीकेपी

