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मध्य प्रदेश कैबिनेट का फैसला, वन विज्ञान केंद्रों की होगी स्थापना

भोपाल, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विज्ञान केंद्रों की तर्ज पर वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक की समिति में लिया गया। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 48 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।
मध्य प्रदेश कैबिनेट का फैसला, वन विज्ञान केंद्रों की होगी स्थापना

भोपाल, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में विज्ञान केंद्रों की तर्ज पर वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक की समिति में लिया गया। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी में बताया गया है कि मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 48 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई।

स्वीकृति अनुसार प्रदेश में वन क्षेत्र के बाहर वानिकी विस्तार गतिविधियों को बढ़ाने, वन भूमि की उत्पादकता बढ़ाने, काष्ठ के विदोहन से अतिरिक्त आय के साधन के लिए जागरूकता बढ़ाने, वृक्ष खेती को बढ़ावा देने और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है। अशासकीय संस्था द्वारा भी वन विज्ञान केंद्र की स्थापना, वन विभाग की अनुमति से की जा सकेगी।

मंत्रि-परिषद द्वारा अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना के डूब प्रभावितों के लिए 1,782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया। परियोजनाओं के डूब प्रभावितों के लिए डीपीआर में 1,656 करोड़ 2 लाख रुपए के अतिरिक्त 1,782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है।

बता दें कि अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना 5,512 करोड़ 11 लाख रुपए की है। इससे 71 हजार 967 हेक्टेयर की सिंचाई सुविधा और 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन प्रावधानित है। इन तीनों परियोजनाओं से कुल 13 हजार 873 परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें विशेष पैकेज अनुसार निर्धारित मुआवजा प्रति परिवार 12.50 लाख रुपए दिया जाएगा। इसके अलावा 50 हजार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों को अतिरिक्त राशि मुआवजा के रूप में देय होगी। मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना में विभाग में 10 लाख या उससे अधिक लागत राशि के कार्य स्वीकृत किए जाने की अनुमति प्रदान की गई।

स्वीकृति अनुसार 693 करोड़ 76 लाख रुपए की लागत के लगभग 3810 कार्य पूर्ण किए जा सकेंगे। मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व मद में 90 करोड़ 67 लाख रुपए के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से वर्ष 2030-31 तक निरंतर रखे जाने और योजना के तहत 905 करोड़ 25 लाख रुपए के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन के विभिन्न विभागों में स्वीकृत स्थायी और अस्थायी पदों के विभेदीकरण को समाप्त करने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। वर्तमान स्वीकृत अस्थायी पदों को स्थायी पदों में परिवर्तित करने के लिए सेवा भर्ती नियम में आवश्यक प्रावधान करने की स्वीकृति दी गई। कार्यभारित और आकस्मिक स्थापना के सभी पदों पर नवीन नियुक्ति न करने की भी अनुमति दी गई।

--आईएएनएस

एसएनपी/डीकेपी

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