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लिव-इन पार्टनर ने नहीं दिलाई ​डायमंड रिंग की, तो गुस्से में प्रेमिका ने पहुंचा दिया यमराज के पास, ऐसे हुआ कातिल हसीना का पर्दाफाश
 

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से बड़ी खबर सामने आई है. यहां केशकाल घाटी से एक महिला टीचर का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है. अब टीचर की हत्या करने वाले उसके प्रेमी ने भी पकड़े जाने के डर से नदी में कूदकर जान दे दी है. पुलिस ने उसका शव भी बरामद कर....
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क्राइम न्यूज डेस्क !!! छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से बड़ी खबर सामने आई है. यहां केशकाल घाटी से एक महिला टीचर का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है. अब टीचर की हत्या करने वाले उसके प्रेमी ने भी पकड़े जाने के डर से नदी में कूदकर जान दे दी है. पुलिस ने उसका शव भी बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मामले की जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पुलिस के मुताबिक, शिक्षिका सपना विश्वकर्मा कवर्धा में अपने प्रेमी रामा आशीष उपाध्याय के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहती थी. इसी बीच दोनों के बीच विवाद हो गया और प्रेमी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर लड़की की हत्या कर दी. पुलिस ने जब आरोपी तक पहुंचने की कोशिश की तो उसने बेमेतरा में शिवनाथ नदी में छलांग लगा दी और जान दे दी. बताया जा रहा है कि दोनों पहले से शादीशुदा थे.छत्तीसगढ़ के चार जिलों से जुड़े इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए पुलिस को सीडीआर का सहारा लेना पड़ा, जिसके आधार पर पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देने वाले को सलाखों के पीछे भेज दिया है.

कैसे खुला मर्डर मिस्ट्री?

केशकाल घाटी में कवर्धा की युवती का शव मिलने के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और सबसे पहले उसके दुर्ग में रहने वाले लिव-इन पार्टनर पर शक हुआ. इसी बीच पुलिस को कॉल डिटेल रिकॉर्ड में एक और युवक मिला, जिससे आरोपी युवक लगातार बात कर रहा था. पुलिस ने अपनी जांच में सबसे पहले मुख्य आरोपी के साथी को उठाया, जिससे पूरे हत्याकांड का खुलासा हो गया

मुख्य आरोपी के एक दोस्त ने पुलिस को बताया कि आशीष और सपना विश्वकर्मा कवर्धा में किराए के मकान में रहते थे. लेकिन दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और सपना को मारने की योजना बना ली गई. इस घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी आशीष और उसका दोस्त पहले कवर्धा पहुंचे. वह सपना को अपने साथ कार में लेकर बेमेतरा चला गया। यहां उसने इस घटना को अंजाम दिया. इसके बाद दोनों शव को ठिकाने लगाने केशकाल घाटी पहुंचे। फिर यहां उसने सपना की लाश को घाटी में फेंक दिया. आरोपियों ने तीन बार में बच्ची को इतनी गहराई तक फेंका कि किसी भी राहगीर को लाश की गंध तक नहीं आई। इसके बाद दोनों आरोपी वहां से दुर्ग लौट आए।

मकान मालिक का फ़ोन

इधर, परिजनों ने 8 अगस्त को दशरंगपुर चौकी में सपना विश्वकर्मा की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि आशीष और सपना एक ही घर में रहते थे. फिर पुलिस उस घर तक पहुंची जहां दोनों किराए के कमरे में रहते थे. मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था और फिर मकान मालिक ने आरोपी को किराया लेने के लिए बुलाया. लेकिन आरोपी को इस बात की जानकारी हो गई कि जिस मकान मालिक ने कभी किराए के लिए फोन नहीं किया, उसने अचानक फोन कर दिया?

इसी बीच कवर्धा के पुलिस प्रधान आरक्षक ने भी आरोपी को बुला लिया. हेड कांस्टेबल ने आरोपी को अपना नाम और पद नहीं बताया लेकिन ट्रू कॉलर से आरोपी को पुलिस के बारे में पता चला. आरोपी को लगा कि पुलिस को उसके अपराध के बारे में पता चल जाएगा, इसलिए पकड़े जाने के डर से वह शिवनाथ नदी में कूद गया. रविवार को बेमेतरा पुलिस ने आरोपी का शव बरामद किया.

हत्याकांड का दूसरा आरोपी गिरफ्तार

इसके बाद पुलिस ने रविवार को ही आरोपी युवक के दोस्त को भी हिरासत में ले लिया. कड़ी पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। इस तरह पुलिस ने इस पूरी मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया है. इस पूरी मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में पुलिस भी उलझन में थी कि आखिर आरोपी ने अपने साथ रह रही सपना को क्यों मार डाला. जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को पता चला कि सपना और आशीष पहले से शादीशुदा थे. दोनों ने पहले ही प्लान बना लिया था कि वो शादी तो नहीं कर सकते लेकिन साथ रह जरूर सकते हैं. लेकिन दोनों के बीच किसी बात को लेकर ऐसा झगड़ा हुआ कि रिश्ते के साथ-साथ दोनों की जिंदगी भी खत्म हो गई.

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