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लखीमपुर खीरी: शारदा बैराज बनेगा विश्वस्तरीय वेलनेस एवं इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन

लखनऊ, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। यूपी में वेलनेस और इको-टूरिज्म को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) ने लखीमपुर खीरी स्थित शारदा बैराज को एक प्रमुख एकोमोडेशन एवं वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एजेंसी चयन प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा कर दी गई है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
लखीमपुर खीरी: शारदा बैराज बनेगा विश्वस्तरीय वेलनेस एवं इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन

लखनऊ, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। यूपी में वेलनेस और इको-टूरिज्म को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीईटीडीबी) ने लखीमपुर खीरी स्थित शारदा बैराज को एक प्रमुख एकोमोडेशन एवं वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एजेंसी चयन प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा कर दी गई है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि तेज रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली से निकलकर लोग अब पुनः प्रकृति, आयुर्वेद और समग्र वेलनेस की ओर लौट रहे हैं। इसी बदलते वैश्विक रुझान को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में ऐसे वेलनेस टूरिज्म डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं, जहां पर्यटकों को स्वास्थ्य, शांति, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक अनुभव एक ही परिसर में उपलब्ध हो सकें। शारदा बैराज इसी सोच का सशक्त उदाहरण बनने जा रहा है। यूपीईटीडीबी की योजना के अंतर्गत चयनित एजेंसी को परियोजना हेतु भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

एजेंसी द्वारा आवासीय सुविधाओं और वेलनेस सेंटर का नियोजन, डिजाइन, निर्माण, वित्त पोषण, संचालन एवं रखरखाव किया जाएगा। परियोजना परिसर एवं पर्यटकों की सुरक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी भी चयनित एजेंसी की होगी। बोर्ड संबंधित विभागों के साथ समन्वय करते हुए आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा। परियोजना को ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस (ओ एंड एम) मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जाएगा। इस परियोजना की प्रारंभिक अवधि 15 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसमें अतिरिक्त 15 वर्ष के विस्तार का विकल्प (15+15) भी शामिल रहेगा।

यूपीईटीडीबी द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष में एजेंसी के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी और मानकों के उल्लंघन की स्थिति में आवश्यक कार्रवाई का अधिकार बोर्ड के पास रहेगा। परियोजना के लिए किसी भी प्रकार का पूंजी अनुदान नहीं दिया जाएगा। आवास एवं वेलनेस सुविधाओं का संचालन चयनित एजेंसी द्वारा वार्षिक प्रीमियम भुगतान मॉडल के अंतर्गत किया जाएगा। इसके साथ ही प्रीफैब्रिकेटेड संरचनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि शारदा बैराज को एक ऐसे बहुआयामी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां वेलनेस टूरिज्म की शांति और वाइल्डलाइफ का रोमांच एक साथ पर्यटकों को नया और यादगार अनुभव प्रदान करेगा। घरेलू के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों की बढ़ती आमद से यह क्षेत्र इनबाउंड टूरिज्म का नया हॉटस्पॉट बनकर उभरेगा।

प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात ने कहा कि शारदा बैराज को वेलनेस, वन्यजीव और प्राकृतिक अनुभवों के एक अद्वितीय संयोजन के रूप में विकसित किया जा रहा है। लक्ष्य इसे घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक आकर्षक और सस्टेनेबल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है।

निदेशक पर्यटन (ईको) पुष्प कुमार के. ने कहा कि यह वेलनेस आधारित टूरिज्म मॉडल प्रदेश में सस्टेनेबल विकास, गुणवत्तापूर्ण पर्यटन अवसंरचना और वैश्विक मानकों के अनुरूप सुविधाएं विकसित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और उत्तर प्रदेश का पर्यटन ढांचा और अधिक सुदृढ़ होगा।

--आईएएनएस

विकेटी/डीकेपी

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