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क्या खरमास में बर्थडे या एनिवर्सरी मनाने पर भी है रोक? जानिए नियम और मान्यताएं

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। हिंदू धर्म में हर त्योहार, हर समय और हर काम का एक खास महत्व बताया गया है। इन्हीं में से एक समय होता है खरमास, जिसे लोग अक्सर अशुभ मानते हैं। इस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई या किसी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती। लेकिन हर साल जब खरमास आता है, तो एक सवाल जरूर लोगों के मन में आता है। अगर इसी दौरान किसी का बर्थडे या शादी की एनिवर्सरी पड़ जाए, तो क्या उसे मनाना गलत है? क्या इस पर भी रोक होती है?
क्या खरमास में बर्थडे या एनिवर्सरी मनाने पर भी है रोक? जानिए नियम और मान्यताएं

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। हिंदू धर्म में हर त्योहार, हर समय और हर काम का एक खास महत्व बताया गया है। इन्हीं में से एक समय होता है खरमास, जिसे लोग अक्सर अशुभ मानते हैं। इस दौरान शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई या किसी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती। लेकिन हर साल जब खरमास आता है, तो एक सवाल जरूर लोगों के मन में आता है। अगर इसी दौरान किसी का बर्थडे या शादी की एनिवर्सरी पड़ जाए, तो क्या उसे मनाना गलत है? क्या इस पर भी रोक होती है?

जैसे ही सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, खरमास शुरू हो जाता है और जब सूर्य मकर राशि में आते हैं, तब इसका समापन होता है। खरमास को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना गया है। ऐसे काम जिनमें नए जीवन की शुरुआत हो या बड़े संस्कार जुड़े हों, उन पर रोक होती है। वहीं जन्मदिन और शादी की सालगिरह को धार्मिक रूप से मांगलिक कार्य नहीं माना गया है। ये व्यक्तिगत खुशी और परिवार के साथ समय बिताने के मौके होते हैं। इसलिए खरमास में बर्थडे या एनिवर्सरी मनाने पर कोई रोक नहीं है।

हालांकि, यह जरूर कहा गया है कि खरमास में सेलिब्रेशन का तरीका थोड़ा सादा होना चाहिए। बहुत ज्यादा धूम धड़ाका, दिखावा या पार्टी करने से बचना बेहतर माना जाता है। इस दौरान परिवार के साथ शांत और सरल तरीके से बर्थडे या एनिवर्सरी मनाई जाए, तो इसे शुभ ही माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में सात्विक जीवनशैली अपनाना अच्छा माना जाता है। इसलिए अगर आप इस समय जन्मदिन या सालगिरह मना रहे हैं, तो सात्विक भोजन करें। नॉनवेज और शराब से दूरी बनाए रखना बेहतर होता है। साथ ही, बड़े होटल या क्लब की पार्टी के बजाय घर पर पूजा-पाठ के साथ दिन की शुरुआत करना ज्यादा शुभ माना जाता है।

बर्थडे या एनिवर्सरी वाले दिन सुबह उठकर स्नान करें और भगवान का पूजन करें। अगर संभव हो, तो अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य जरूर करें। कहा जाता है कि खरमास में किया गया दान कई गुना फल देता है। इस दौरान हवन, कथा या साधारण पूजा भी बहुत लाभकारी मानी जाती है।

एक और जरूरी बात यह है कि अगर आप खरमास खत्म होने के बाद कोई नया काम शुरू करने की सोच रहे हैं, तो उसके ऐलान से भी बचें। बर्थडे या एनिवर्सरी पार्टी में नए बिजनेस, नौकरी या किसी बड़े फैसले की घोषणा करना शुभ नहीं माना जाता।

--आईएएनएस

पीआईएम/जीकेटी

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