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केंद्र सरकार किसानों और मजदूरों के हक के लिए काम करती है : रामकृपाल यादव

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री रामकृपाल यादव ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार किसानों और मजदूरों के हक के लिए काम करती है। विपक्ष सिर्फ हंगामा करेगा, जिससे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।
केंद्र सरकार किसानों और मजदूरों के हक के लिए काम करती है : रामकृपाल यादव

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री रामकृपाल यादव ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार किसानों और मजदूरों के हक के लिए काम करती है। विपक्ष सिर्फ हंगामा करेगा, जिससे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।

बिहार सरकार में मंत्री रामकृपाल यादव का यह बयान उस समय आया है, जब विपक्ष मनरेगा का नाम ‘विकसित भारत जी राम जी’ करने पर हंगामा कर रहा है।

मनरेगा का नाम बदलने पर मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि देखिए, सरकार कोई भी निर्णय सोच-समझकर लेती है। कांग्रेस पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा देती है, लेकिन अब परिवारवाद नहीं चलेगा। नए नाम में सभी का ख्याल रखा गया है। किसान-मजदूरों के हक की बात की जा रही है। इस नाम से नई ताकत और नई ऊर्जा मिलेगी। सभी लोग इसका स्वागत कर रहे हैं।

राम कृपाल यादव ने नितिन नबीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर कहा कि मैं बहुत खुश हूं, और इससे बिहार समेत देश के युवाओं में भी एक पॉजिटिव मैसेज गया है। लोगों का उत्साह बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि मैं शीर्ष नेतृत्व का आभार जताता हूं। बिहार को पहला मौका मिला है। एक साधारण व्यक्ति भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बना है। खास बात इसीलिए है कि एक कार्यकर्ता देश की सबसे बड़ी पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बना है। इससे देश के साथ बिहार में भी शानदार संदेश गया है।

उन्होंने बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर संजय सरावगी को बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि उनके कुशल नेतृत्व, संगठनात्मक अनुभव और समर्पित मार्गदर्शन में बिहार भाजपा संगठन अधिक सशक्त होगा।

उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार में कृषि विकास को नया स्वरूप दिया जा रहा है। क्लस्टर आधारित बागवानी से ग्रामीण बिहार की तस्वीर बदलेगी। कुल 4.58 करोड़ रुपए की लागत से बागवानी को ग्रामीण उद्यम के रूप में विकसित किया जा रहा है।

--आईएएनएस

डीकेएम/एबीएम

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