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कटहल: स्वाद और सेहत का परफेक्ट कॉम्बिनेशन, फायदे जानकर आप भी शुरू कर देंगे खाना

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। कटहल (जैकफ्रूट) स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। आजकल जब लोग नेचुरल, हेल्दी और सस्टेनेबल खाना की ओर जा रहे हैं, तो कटहल फिर से सुर्खियों में आ गया है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक न्यूट्रिशन तक, कटहल की सब्जी को ताकत, तृप्ति और संतुलन देने वाला भोजन माना जाता है। यह प्रोटीन-समृद्ध शाकाहारी विकल्पों में काफी लोकप्रिय है।
कटहल: स्वाद और सेहत का परफेक्ट कॉम्बिनेशन, फायदे जानकर आप भी शुरू कर देंगे खाना

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। कटहल (जैकफ्रूट) स्वाद में लाजवाब होने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। आजकल जब लोग नेचुरल, हेल्दी और सस्टेनेबल खाना की ओर जा रहे हैं, तो कटहल फिर से सुर्खियों में आ गया है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक न्यूट्रिशन तक, कटहल की सब्जी को ताकत, तृप्ति और संतुलन देने वाला भोजन माना जाता है। यह प्रोटीन-समृद्ध शाकाहारी विकल्पों में काफी लोकप्रिय है।

कच्चे कटहल के 100 ग्राम में लगभग 23 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 1.5-2 ग्राम फाइबर, 1.7 ग्राम प्रोटीन, 0.6 ग्राम वसा और 440 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। साथ ही इसमें विटामिन सी, बी6, मैग्नीशियम और आयरन भी मौजूद होते हैं। वहीं, कैलोरी की भी काफी मात्रा होती है। पकाने के तरीके से पोषण में थोड़ा बहुत बदलाव हो सकता है, लेकिन मूल गुण बरकरार रहते हैं।

कटहल के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। सबसे पहले बात करें शुगर कंट्रोल की, तो कच्चे कटहल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ती। हृदय स्वास्थ्य के लिए भी यह अच्छा है क्योंकि इसमें मौजूद पोटेशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। इसमें मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स आंतों की सफाई करते हैं और कैंसर पैदा करने वाले टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं।

त्वचा और आंखों के लिए भी कटहल लाभकारी है। विटामिन ए और सी का मेल चेहरे पर चमक लाता है और आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। आयुर्वेद में कटहल को गुरु (भारी) और स्निग्ध गुण वाला माना गया है। सही मसालों और विधि से पकाने पर यह वात को शांत करता है और शरीर को बल देता है।

कटहल का सही तरीके से सेवन करने के कुछ टिप्स भी हैं। अदरक, जीरा, हींग और काली मिर्च डालने से इसका भारीपन कम होता है। प्रोटीन-पेयरिंग के लिए इसे चना, राजमा या सोया के साथ पकाया जा सकता है। तेल के रूप में सरसों या तिल का इस्तेमाल करें और प्रेशर कुक या स्लो-कुक में अच्छी तरह गलने दें ताकि पाचन आसान हो। मात्रा 100-150 ग्राम तक सीमित रखें और रात में कम मात्रा लें।

कटहल की लोकप्रिय रेसिपीज में कटहल चना मसाला, सरसों-हींग कटहल, कटहल पुलाव और कटहल टिक्का शामिल हैं। हालांकि कुछ लोगों को इससे परहेज करना चाहिए, जैसे कमजोर पाचन वाले, गैस की समस्या वाले, डायबिटीज वाले जिन्हें कार्ब्स कंट्रोल करनी हों और लेटेक्स सेंसिटिविटी वाले लोग।

--आईएएनएस

पीआईएम/एबीएम

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