कर्नाटक विधान परिषद ने हेट स्पीच और हेट क्राइम्स प्रिवेंशन बिल 2025 पारित किया
बेंगलुरु, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक विधानसभा के बाद अब विधान परिषद से भी कर्नाटक हेट स्पीच और हेट क्राइम (रोकथाम एवं नियंत्रण) बिल, 2025 पारित हो गया है।
कर्नाटक विधान परिषद में शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस सदस्यों के बीच हेट स्पीच रेगुलेशन बिल को लेकर तीखी बहस हुई, जिससे हंगामा मच गया। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि प्रस्तावित बिल राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों पर अंकुश लगाना है। भाजपा एमएलसी सीटी रवि ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए दावा किया कि अगर आज राज्य में चुनाव होते तो पार्टी नहीं जीत पाती। विपक्षी सदस्य सदन के वेल में घुस गए और विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के लगातार हंगामे और नारेबाजी के बावजूद, परिषद अध्यक्ष बसवराज होरट्टी ने विधेयक पारित कर दिया।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि विधानसभा में हेट स्पीच रेगुलेशन बिल को पेश करना 'राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने' के लिए सरकार के एजेंडे का हिस्सा है।
बिल में हेट क्राइम की परिभाषा देते हुए कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के प्रति धर्म, नस्ल, जाति या समुदाय, लिंग, जेंडर, यौन अभिविन्यास, जन्म स्थान, निवास, भाषा, दिव्यांगता, जनजाति, या पीड़ित के परिवार के सदस्य की विशेषताओं अथवा ऐसे किसी समूह से उसके संबंध के आधार पर नुकसान पहुंचाता है, नुकसान के लिए उकसाता है, या घृणा फैलाता/प्रचारित करता है, तो वह हेट क्राइम का दोषी होगा।
कांग्रेस सरकार ने यह विधेयक मंगलुरु में हुई बदले की हत्याओं की श्रृंखला के बाद तैयार किया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा की थी। आगे की हिंसा रोकने के लिए एक विशेष बल गठित किया गया है और संभावित अशांति फैलाने वाली सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए समर्पित इकाइयां बनाई गई हैं।
बिल के तहत हेट क्राइम में दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की कैद, या 5,000 रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। यह अपराध असंज्ञेय (नॉन-कॉग्निजेबल) और गैर-जमानती होगा तथा प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय रहेगा।
हेट स्पीच के मामलों में भी तीन साल तक की कैद या 5,000 रुपए तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है। यह अपराध भी असंज्ञेय और गैर-जमानती होगा। बार-बार अपराध करने पर 10 साल तक की कैद का प्रस्ताव है।
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