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कानपुर में शेयर मार्केट और आईपीओ के नाम पर साइबर फ्रॉड, 8 शातिर ठग गिरफ्तार

कानपुर, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। शेयर मार्केट और आईपीओ में मोटे मुनाफे का सपना दिखाकर लोगों को ठगने वाले एक बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के 8 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। खास बात यह है कि इस ठगी के जाल में पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी फंसते चले गए।
कानपुर में शेयर मार्केट और आईपीओ के नाम पर साइबर फ्रॉड, 8 शातिर ठग गिरफ्तार

कानपुर, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। शेयर मार्केट और आईपीओ में मोटे मुनाफे का सपना दिखाकर लोगों को ठगने वाले एक बड़े साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के 8 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। खास बात यह है कि इस ठगी के जाल में पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी फंसते चले गए।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। उन्होंने 'लॉन्च क्लब एच49' नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था, जिसमें निवेश के नाम पर लोगों को जोड़ा जाता था। ग्रुप में खुद को सेबी से जुड़ा एक्सपर्ट बताकर शेयर मार्केट और आईपीओ से जुड़े रोजाना टिप्स और एनालिसिस दिए जाते थे, जिससे लोगों का भरोसा जीत लिया जाता था।

शुरुआत में पीड़ितों को फर्जी ट्रेडिंग ऐप 'वेंटुरा ग्लोबल' पर मुनाफा दिखाया जाता था। इससे लोगों को लगता था कि उनका पैसा सुरक्षित है और तेजी से बढ़ रहा है। जैसे ही निवेशकों ने ज्यादा रकम लगानी शुरू की, वैसे ही ठगी का असली खेल शुरू हो गया। कुछ ही समय में लोग लाखों से लेकर करोड़ों रुपए गंवा बैठे।

जांच में सामने आया है कि ठगों ने ठगी की रकम को सीधे बैंक खातों से निकालकर क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी में बदल दिया। इसके बाद पैसे को डिजिटल वॉलेट्स के जरिए इधर-उधर ट्रांसफर कर दिया जाता था ताकि रकम का कोई सुराग न मिल सके।

पुलिस की छापेमारी में आरोपियों के पास से 13 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बैंकिंग दस्तावेज, डेबिट कार्ड, क्यूआर कोड, व्हाट्सऐप-टेलीग्राम की चैट और क्रिप्टो वॉलेट से जुड़ा पूरा डेटा बरामद किया गया है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह पूरे देश में संगठित तरीके से लोगों को निशाना बना रहा था। फिलहाल, डिजिटल सबूतों की गहन जांच की जा रही है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जांच आगे बढ़ने पर ठगी के इस बड़े नेटवर्क से जुड़े और नाम भी सामने आ सकते हैं।

--आईएएनएस

वीकेयू/डीकेपी

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