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के. एम. बी. जन्मतिथि विशेष: मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने वाला धावक

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। ट्रैक एंड फील्ड में भारत में मिल्खा सिंह का नाम बेहद प्रतिष्ठित है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिल्खा सिंह ने अपनी गति से चौंकाया था और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। मिल्खा सिंह के 1960 में रोम ओलंपिक में बनाए एक भारतीय रिकॉर्ड को के. एम. बी. ने तोड़ते हुए ट्रैक एंड फील्ड में बड़ा मुकाम हासिल किया था।
के. एम. बी. जन्मतिथि विशेष: मिल्खा सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने वाला धावक

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (आईएएनएस)। ट्रैक एंड फील्ड में भारत में मिल्खा सिंह का नाम बेहद प्रतिष्ठित है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिल्खा सिंह ने अपनी गति से चौंकाया था और कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। मिल्खा सिंह के 1960 में रोम ओलंपिक में बनाए एक भारतीय रिकॉर्ड को के. एम. बी. ने तोड़ते हुए ट्रैक एंड फील्ड में बड़ा मुकाम हासिल किया था।

के. एम. बी. का जन्म 20 दिसंबर 1980 को केरल के इडुक्की जिले में हुआ था। उनका पूरा नाम कलायथुमकुझी मैथ्यूज बीनू है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले बीनमोल ने बेहद कठिन परिस्थितियों में प्रशिक्षण की शुरुआत की थी, लेकिन कुछ बड़ा करने के लक्ष्य और कड़ी मेहनत ने उनके लिए सफलता की राह खोली।

400 मीटर और 800 मीटर की दौड़ में विशेषज्ञता रखने वाले धावक के. एम. बी. को बड़ी पहचान एथेंस ओलंपिक में मिली। 20 अगस्त 2004 को एथेंस ओलंपिक में 400 मीटर का वर्तमान राष्ट्रीय रिकॉर्ड उन्होंने 45.48 सेकेंड में बनाया था। इस गति से उन्होंने मिल्खा सिंह का 44 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था। मिल्खा सिंह ने 1960 के रोम ओलंपिक में 45.73 सेकेंड का समय निकालते हुए भारतीय रिकॉर्ड बनाया था। के. एम. बी. के इस रिकॉर्ड को मोहम्मद अनस ने गोल्ड कोस्ट, राष्ट्रमंडल खेलों में 2018 में तोड़ा था। 400 मीटर की दौड़ के लिए अनस ने 45.32 सेकेंड का समय निकाला था।

के. एम. बी. और उनकी बड़ी बहन के. एम. बीनामोल ने 2002 में आयोजित बुसान एशियाई खेलों में पदक जीतकर इतिहास रचा था। किसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले वे पहले भारतीय भाई-बहन बने। के. एम. बी. ने पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था, जबकि उनकी बहन ने स्वर्ण पदक जीता था।

भारतीय एथलेटिक्स में उल्लेखनीय योगदान के लिए के. एम. बी. को 2006 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

--आईएएनएस

पीएके

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