सिर्फ पहचान बनाने की चाहत में उजाड़ दिया हंसता खेलता परिवार, मकसद जानकर चौंक जाएंगे आप

राजधानी की गलियों में अब मासूम उम्र के हाथों में किताबों की जगह खून से सने चाकू नजर आ रहे हैं। भजनपुरा के सुभाष मोहल्ला में शुक्रवार रात 28 वर्षीय शाकिर की बेरहमी से हत्या ने पूरे इलाके को हिला दिया। लेकिन जो खुलासा हुआ, उसने समाज को झकझोर दिया — हत्या करने वाले सिर्फ 13 से 15 साल के बच्चे निकले, और वजह? सिर्फ अपराध की दुनिया में नाम कमाना।
शाकिर बना 'पहचान' का पहला शिकार
शाकिर दोना और पेपर प्लेट बनाने का छोटा सा काम करता था, मेहनती था, सीधा-सादा था। लेकिन शुक्रवार रात को ये मासूम सी जिंदगी किसी के ‘डर फैलाने के सपने’ की भेंट चढ़ गई। पुलिस के मुताबिक, ये नाबालिग लड़के गली में ‘कमजोर टारगेट’ की तलाश में थे और शाकिर उन्हें अकेला दिखा, तो उस पर चाकुओं से हमला कर दिया।
खौफ के पीछे का चेहरा – 'अपराध में नाम'
पुलिस जब तक मौके पर पहुंची, तब तक शाकिर को GTB अस्पताल ले जाया जा चुका था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। तफ्तीश में लगे CCTV फुटेज, क्राइम टीम और फॉरेंसिक की मदद से पुलिस ने 6 किशोरों को धर दबोचा। पूछताछ में उन्होंने स्वीकारा कि वो 'नाम कमाने' के लिए कोई बड़ा अपराध करना चाहते थे, और यही उनकी 'शुरुआत' थी।
खून में रंगे सपने और डर का बाजार
पुलिस को आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल चाकू भी बरामद हो चुका है। उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5) भी जोड़ी गई है।
समाज के लिए सवाल – ये गैंगस्टर बनने की चाहत कहां से आई?
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — इतनी छोटी उम्र में हत्या का जुनून क्यों? क्या सोशल मीडिया पर वायरल गैंगस्टर वीडियोज, अपराधी रील स्टार्स, और 'डॉन' बनने की फिल्मी फैंटेसी आज की पीढ़ी को जहरीला बना रही है?