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झारखंड में अब मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होगी 108 एंबुलेंस सर्विस, प्राइवेट ऑपरेटर भी सरकारी नेटवर्क से जुड़ेंगे

रांची, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड में अब 108 एंबुलेंस सर्विस की बुकिंग मोबाइल ऐप के जरिए भी हो सकेगी। इस सर्विस को और प्रभावी एवं सुलभ बनाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंसों को भी सरकारी नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।
झारखंड में अब मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होगी 108 एंबुलेंस सर्विस, प्राइवेट ऑपरेटर भी सरकारी नेटवर्क से जुड़ेंगे

रांची, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड में अब 108 एंबुलेंस सर्विस की बुकिंग मोबाइल ऐप के जरिए भी हो सकेगी। इस सर्विस को और प्रभावी एवं सुलभ बनाने के लिए प्राइवेट एंबुलेंसों को भी सरकारी नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया।

लोगों को आसानी से एंबुलेंस उपलब्ध हो सके, इसके लिए निजी एंबुलेंस ऑपरेटरों की भी सेवा ली जाएगी। इसके लिए एंबुलेंस ऑपरेटर्स को प्रति किलोमीटर तय दर के अनुसार भुगतान किया जाएगा। कई बार लोगों की शिकायत रहती है कि 108 एंबुलेंस सर्विस की बुकिंग के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ता है। प्राइवेट एंबुलेंस को सरकारी नेटवर्क के साथ जोड़ने से इस तरह की समस्या नहीं होगी।

प्राइवेट एंबुलेंस का विभागीय सर्टिफिकेशन, निबंधन और नियमित मूल्यांकन अनिवार्य होगा। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में निबंधन रद्द किया जाएगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और नवजातों की सुविधा के लिए संचालित ममता वाहन सेवा को भी मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। सॉफ्टवेयर को हर वर्ष अपडेट किया जाएगा, ताकि सेवा में तकनीकी बाधाएं न आएं।

एंबुलेंस की भौतिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए मौजूदा वाहनों की डेंटिंग-पेंटिंग कराने और नई खरीदी जाने वाली एंबुलेंस की प्रत्येक चार वर्ष में पेंटिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि वर्तमान बीमा कंपनी का कार्यकाल फरवरी माह में समाप्त हो रहा है।

निर्देश दिया गया कि नई बीमा कंपनी का चयन समय रहते कर लिया जाए, ताकि राज्यकर्मियों और उनके आश्रितों को इलाज में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके तहत राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों के साथ-साथ बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों और महानगरों में भी सीजीएचएस दर पर अस्पतालों का निबंधन सुनिश्चित किया जाएगा।

--आईएएनएस

एसएनसी/डीकेपी

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