जगतगुरु परमहंस आचार्य ने सरकार से की डॉ. रामविलास वेदांती की दूसरी इच्छा पूरी करने की अपील
अयोध्या, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन से अयोध्या के संत समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। जगतगुरु परमहंस आचार्य और अयोध्या के संत दिवाकर आचार्य महाराज समेत कई संतों ने दुख व्यक्त किया है और उनकी आखिरी इच्छा को पूरी करने की बात कही है।
जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा, "यह अयोध्या और संत समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है। रामविलास वेदांती अयोध्या, संत समुदाय और सनातन धर्म के लिए गौरव का स्रोत थे। कथा कहते वक्त उन्हें शरीर में कुछ पीड़ा महसूस हुई और एकादशी के दिन ही उनका निधन हो गया। वे बहुत पूजनीय थे और भगवान के लिए उनके मन में अनन्य आस्था थी। मैं भगवान राम से यही प्रार्थना करता हूं कि वे उन्हें अपने श्री चरणों में ध्यान दें।"
उन्होंने आगे कहा कि उनका जाना संत समाज के लिए बड़ी क्षति है। वे हमारे अभिभावक की तरह थे। बहुत संत आए और गए, लेकिन हम कभी रोए नहीं, डॉ. रामविलास दास वेदांती के जाने की खबर से ही हमारे आंसू नहीं रुक रहे हैं।"
रामविलास वेदांती की आखिरी इच्छा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनका कहना था कि जब राम मंदिर के शिखर पर ध्वजा फहराया जाएगा तो राम मंदिर पूर्ण होगा और भारत हिंदू सनातन देश बनेगा। उनकी एक इच्छा तो पूरी हो चुकी है, लेकिन सरकार से मेरी अपील है कि वह उनकी दूसरी इच्छा की पूर्ति के लिए योगदान दें। हमारा देश धीरे-धीरे हिंदू राष्ट्र बन रहा है।
अयोध्या के संत दिवाकर आचार्य महाराज ने निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राम जन्म भूमि मुक्ति आंदोलन के महानायक डॉ. रामविलास वेदांती का निधन हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। उनका सपना था कि राम मंदिर पर केसरिया ध्वज लहराए और भगवान की कृपा से हो भी गया है। अब बस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है।
एक अन्य संत ने दुख जताते हुए कहा कि डॉ. रामविलास वेदांती राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संत रहे थे और हमेशा आंदोलन में सबसे आगे रहे थे। बस भगवान राम उन्हें अपने चरणों में ध्यान दें।
एक दूसरे संत ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में लड़ी गई लड़ाई में डॉ. रामविलास वेदांती का बड़ा योगदान था। जब कुछ ही साधुसंतों की टोली राम मंदिर के निर्माण के लिए लड़ रही थी, तब से वे भगवान राम को उनका घर वापस दिलाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका जाना हमारे लिए बड़ी क्षति है।
--आईएएनएस
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