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फेरों के बीच दारोगा ने दूल्हे के दोस्तों की ऐसी डिमांड, थर-थर कांपने लगे बाराती…जानें क्या है पूरा मामला 

मंगलवार की रात पटना से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जिसने पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर दिए। दीदारगंज के कोठिया गांव निवासी जितेंद्र कुमार अपने तीन दोस्तों के साथ एक शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी उन्हें रास्ते में पुलिस ने रोक...
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मंगलवार की रात पटना से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, जिसने पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर दिए। दीदारगंज के कोठिया गांव निवासी जितेंद्र कुमार अपने तीन दोस्तों के साथ एक शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी उन्हें रास्ते में पुलिस ने रोक लिया। कार की तलाशी के बाद कुछ नहीं मिलने पर भी पुलिसकर्मियों ने युवकों से रिश्वत की मांग की और ना देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे।

कैसे हुई घटना की शुरुआत?

जितेंद्र कुमार और उसके तीन दोस्त शादी में शामिल होकर घर लौट रहे थे। रात के समय पटना के गौरीचक थाना क्षेत्र में गश्त पर निकली पुलिस ने उन्हें रोका और कार की तलाशी ली। कार से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला, फिर भी सिपाही ने युवकों से पैसों की मांग शुरू कर दी। जब युवकों ने कहा कि उनके पास उतना कैश नहीं है, जितना मांगा जा रहा है, तो पुलिसकर्मी ने उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। डर के मारे चारों दोस्तों ने कहा कि वे ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। इस पर पुलिस ने उन्हें पास के एक पेट्रोल पंप पर ले जाकर स्कैनर के जरिए ₹25,000 गूगल-पे से ट्रांसफर करवाए।

पेट्रोल पंप पर निकाला गया कैश

पुलिसकर्मियों ने पेट्रोल पंप के स्टाफ से उक्त ट्रांजैक्शन की एवज में नकद पैसे ले लिए और युवकों को जाने दिया। लेकिन इस घटनाक्रम से घबराए चारों युवकों ने अगली सुबह हिम्मत जुटाकर पटना पुलिस के उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

एफआईआर दर्ज, जांच में खुलासा

जितेंद्र कुमार के बयान के आधार पर गौरीचक थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसमें 2019 बैच के सिपाही विवेक कुमार, दो अन्य जवानों और वाहन चालक प्रेम कुमार के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ। जांच की जिम्मेदारी सिटी एसपी (ईस्ट) को सौंपी गई, जिन्होंने तथ्यों की गहनता से पड़ताल की।

गिरफ्तारी और निलंबन

जांच में चारों पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद सिपाही विवेक कुमार सहित सभी चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

पुलिस की साख पर सवाल

यह घटना न केवल आम जनता के विश्वास को तोड़ने वाली है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े करती है। रात में गश्त करने वाली पुलिस यदि खुद ही डर फैलाने लगे, तो लोगों की सुरक्षा कौन करेगा? इस घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि पुलिस सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करना कितना जरूरी हो गया है।

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