Samachar Nama
×

‘अमीर बनना है तो मरना पड़ेगा, फिर निकलेगा जिन्न…’, तांत्रिक की बातों में आकर खा लिए जहरीले लड्डू और फिर हो गई मौत

sdafd

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने समाज में अब भी फैले अंधविश्वास और तांत्रिकों के झूठे झांसे की सच्चाई को उजागर कर दिया है। मक्खनपुर थाना क्षेत्र में दो रिश्तेदारों की मौत महज इसलिए हो गई क्योंकि उन्होंने खजाना पाने की लालच में एक तांत्रिक की बातों पर यकीन कर लिया। तांत्रिक ने दोनों को ऐसा ज़हरीला लड्डू खिलाया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

खजाने की चाह में गंवाई जान

पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान रामनाथ (निवासी – गोकुल का नगला, थाना एका) और पूरन सिंह (निवासी – इंदिरानगर, थाना उत्तर) के रूप में हुई है। दोनों आपस में रिश्तेदार थे और एक-दूसरे के साथ तंत्र-मंत्र से जुड़े मामलों में रुचि रखते थे। पूरन सिंह स्वयं भी तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त बताया गया है और उसका गुरु कमरुद्दीन नामक एक तांत्रिक था, जो रामगढ़ के अजमेरी गेट इलाके में रहता था।

“जिन्न आएगा, खजाना देगा” – तांत्रिक का झांसा

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी तांत्रिक कमरुद्दीन ने दोनों मृतकों को यह यकीन दिलाया कि अगर वे एक विशेष तांत्रिक विधि अपनाएं तो जिन्न प्रकट होकर उन्हें जमीन में छिपा खजाना सौंप देगा। इसके लिए उसने नीम के पेड़ के नीचे आत्मबलिदान करने की योजना तैयार की। तांत्रिक ने दोनों को विशेष 'लड्डू' दिए, जिनमें ज़हर मिला हुआ था। कमरुद्दीन ने दावा किया था कि जिन्न तभी प्रकट होगा जब वे यह प्रसाद खाकर अपने शरीर का त्याग करेंगे।

मौत की जगह बना नीम का पेड़

मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों ने मक्खनपुर के जंगल में एक नीम के पेड़ के नीचे दो शव देखे, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि दोनों मृतक पास-पास लेटे हुए थे और उनके पास से बूंदी का लड्डू, नींबू, पानी से भरा गिलास और एक सुईं से गोदा हुआ गुड्डा मिला। यह सभी चीजें तांत्रिक क्रियाओं में इस्तेमाल होने वाले प्रतीकों में गिनी जाती हैं।

तांत्रिक गिरफ्तार, जुर्म कबूला

पुलिस ने जब तफ्तीश की तो मृतक पूरन सिंह के मोबाइल फोन में कमरुद्दीन से की गई बातचीत की रिकॉर्डिंग मिली, जिससे पूरा मामला साफ हो गया। पुलिस ने तत्काल तांत्रिक कमरुद्दीन को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले भी दोनों से कई बार पैसे वसूल चुका था। जब दोनों ने पैसे वापस मांगने की बात कही, तो उसने उनकी हत्या की साजिश रची और तंत्र-मंत्र की आड़ में मौत का जाल बिछा दिया। कमरुद्दीन के खिलाफ रामनाथ के भाई रामसिंह की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई और कोर्ट में पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

अंधविश्वास की बलि चढ़ा भरोसा

फिरोजाबाद की यह घटना केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि समाज की उस खतरनाक सच्चाई को दिखाती है जिसमें आज भी बड़ी संख्या में लोग तांत्रिकों, बाबाओं और झूठे चमत्कारों के चक्कर में अपनी जान तक गंवा देते हैं। खजाना पाने का सपना, तांत्रिक विधि, जिन्न की कहानी – सब कुछ मिलकर एक ऐसे जाल का निर्माण करते हैं जिससे निकलना मुश्किल होता है।

पुलिस की तत्परता सराहनीय, लेकिन समाज को जागरूकता की ज़रूरत

फिरोजाबाद पुलिस की तेजी से की गई जांच और गिरफ्तारी ने मामले को सुलझा दिया, लेकिन यह सवाल जरूर खड़ा करता है कि आखिर लोग तांत्रिकों के जाल में क्यों फंस जाते हैं? प्रशासन को इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाने की ज़रूरत है ताकि लोग विज्ञान और तर्क से सोच सकें और इस तरह के अपराधों से बचा जा सके।

अंधविश्वास बना काल

रामनाथ और पूरन सिंह की मौत ने दो परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। एक झूठे वादे, एक लालच और एक अंधविश्वास ने दो जिंदगियों को छीन लिया। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में आज भी शिक्षा, वैज्ञानिक सोच और जागरूकता की कितनी कमी है। यह जरूरी है कि प्रशासन, समाज और मीडिया मिलकर ऐसे अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाएं ताकि और कोई जान झूठे वादों और तांत्रिक चालों में न गंवाए। खजाना तो नहीं मिला, लेकिन दो जिंदगियां जरूर मिटा दी गईं – यही तंत्र-मंत्र का कड़वा सच है।

Share this story

Tags