Samachar Nama
×

‘बेटी को दूंगी जमीन, तुम्हें एक कौड़ी नहीं’… आपसी मतभेद के बाद कलयुगी मां ने सुपारी देकर करा दी बेटे की हत्या

fsdafds

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने पारिवारिक रिश्तों और इंसानियत दोनों को शर्मसार कर दिया है। यहां एक मां ने महज संपत्ति के लालच में अपने ही जैविक बेटे की हत्या करवा दी — और वह भी सिर्फ 50 हजार रुपये की सुपारी देकर। पुलिस ने दो दिन पहले घटी इस घटना का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक की तलाश जारी है।

बाग में मिला था युवक का शव

यह मामला गुरुगुबख्शगंज थाना क्षेत्र के चंदई रघुनाथपुर चौराहे का है। 17 मार्च की शाम को एक बाग में 25 वर्षीय सुरेंद्र यादव का शव मिला था। शव की गर्दन पर चाकू के गहरे निशान थे, जो किसी साजिश की ओर इशारा कर रहे थे। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। शुरूआती जांच में मृतक की मां राजकुमारी ने ही बयान दिया था, लेकिन बहुत जल्द शक की सुई उसी पर घूम गई।

जमीन को लेकर रची गई साजिश

जांच में खुलासा हुआ कि जब सुरेंद्र के पिता का निधन हुआ, तो पैतृक संपत्ति मां राजकुमारी और बेटे सुरेंद्र के नाम हो गई थी। सुरेंद्र चाहता था कि मां के नाम की जमीन भी उसके नाम कर दी जाए, जबकि राजकुमारी वह जमीन अपनी बेटी के नाम करना चाहती थी। इसी बात को लेकर मां-बेटे के बीच अक्सर झगड़े होते थे। परेशान राजकुमारी ने बेटी और दामाद बृजेश यादव के साथ मिलकर सुरेंद्र की हत्या की साजिश रची।

50 हजार की सुपारी में कराई हत्या

पुलिस पूछताछ में दामाद बृजेश ने खुलासा किया कि उसने अपनी सास राजकुमारी के कहने पर हरिश्चंद्र नामक शातिर अपराधी को बेटे की हत्या के लिए 50 हजार रुपये की सुपारी दी थी। 17 मार्च को वह खुद सुरेंद्र को बाइक से लेकर निकला और रास्ते में हरिश्चंद्र से मिला। तीनों ने मिलकर शराब पी। जब सुरेंद्र नशे में हो गया, तो उसे बगीचे में ले जाकर चाकू से गोद दिया गया। हत्या के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। पुलिस के अनुसार हरिश्चंद्र को अब तक तीन किश्तों में कुल 27,500 रुपये दिए गए थे, और बाकी राशि हत्या के बाद देने की बात थी।

पुलिस ने तीन को दबोचा, एक फरार

पुलिस ने राजकुमारी, उसकी बेटी और दामाद बृजेश यादव को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शूटर हरिश्चंद्र की तलाश जारी है। रायबरेली के एसपी ने कहा कि यह घटना पारिवारिक लालच और आपसी रिश्तों में आई दरार का क्रूर उदाहरण है।

सवालों के घेरे में पारिवारिक मूल्य

यह मामला न केवल समाज को झकझोरने वाला है, बल्कि यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि संपत्ति के लिए आज मां जैसे पवित्र रिश्ते भी खून से सने जा रहे हैं। पारिवारिक मूल्य कहां खो गए हैं? क्या संपत्ति इंसानियत से बड़ी हो गई है? फिलहाल पुलिस हरिश्चंद्र की गिरफ्तारी की कोशिश में जुटी है और जल्द ही उसे भी पकड़ने का दावा किया जा रहा है। वहीं आरोपी मां, बेटी और दामाद को जेल भेज दिया गया है। यह वारदात बताती है कि जब लालच रिश्तों पर भारी पड़ता है, तो इंसान वहशी बन जाता है — और रिश्ते... बस नाम के रह जाते हैं।

Share this story

Tags