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पति हर महीने करता था लाखों की काली कमाई, ससुर से कहता था व्हाइट कर दो… तंग आकर पत्नी ने उठाया खौफनाक कदम

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मुंबई से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक सरकारी अधिकारी की काली कमाई ने उसकी पत्नी की जान ले ली। मुंबई के समता नगर थाना क्षेत्र में MHADA (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी) में उप-निबंधक पद पर तैनात बाबूराव कटरे की पत्नी रेनू कटरे ने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि बाबूराव हर महीने 40 से 50 लाख रुपये तक की अवैध कमाई करता था, जिसे लेकर घर में लगातार विवाद होता था। रेनू इस काली कमाई का विरोध करती थी और कई बार पति को समझाने की कोशिश भी की, लेकिन जब बाबूराव नहीं सुधरा, तो उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।

रेनू का शव लोखंडवाला के रहेजा कॉम्प्लेक्स स्थित उनके फ्लैट में फंदे से लटका हुआ मिला। इस घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। मृतका के भाई की शिकायत पर समता नगर पुलिस ने बाबूराव कटरे के खिलाफ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना के साथ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है।

पत्नी करती थी बार-बार विरोध

मृतका रेनू के भाई ने पुलिस में बताया कि बाबूराव MHADA में रहते हुए हर माह 40-50 लाख रुपये की काली कमाई करता था। रेनू इसका लगातार विरोध करती थी। वह चाहती थी कि उनके घर का माहौल साफ-सुथरा हो, जिससे बच्चों पर कोई गलत असर न पड़े। लेकिन बाबूराव पर इस विरोध का कोई असर नहीं पड़ा। उल्टा वह अपनी पत्नी को ही प्रताड़ित करने लगा।

ससुर पर भी बनाता था दबाव

मामले की जांच में यह भी सामने आया है कि बाबूराव अपनी अवैध कमाई को सफेद (व्हाइट मनी) में बदलने के लिए अपने ससुर पर भी दबाव बनाता था। यहां तक कि जब रेनू के पिता ने इनकार किया, तो बाबूराव ने रेनू के साथ मारपीट भी की। आरोप है कि दबाव और भय के चलते रेनू के पिता ने कई बार उसे 15 से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी।

पुणे में होनी थी परिवार से मुलाकात

रेनू का परिवार रविवार को बाबूराव से पुणे में मिलने वाला था, जहां उसके पिता इस अवैध कमाई और घरेलू तनाव को लेकर सीधी बातचीत करने वाले थे। लेकिन शनिवार को बाबूराव ने इस मुलाकात से इनकार कर दिया। इससे रेनू को गहरा मानसिक आघात पहुंचा और उसी रात उसने फांसी लगाकर जान दे दी।

आरोपी पति फरार

फिलहाल समता नगर पुलिस ने बाबूराव कटरे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक बाबूराव घटना के बाद से फरार है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है।

यह घटना न केवल सरकारी भ्रष्टाचार की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि काली कमाई का असर सिर्फ समाज पर ही नहीं, बल्कि परिवारों के भीतर भी कितना विनाशकारी हो सकता है।

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