17 साल के लड़के साथ पत्नी को आपत्तिजनक हालत में देख पति के उड़े होश, उठाया खौफनाक कदम

उत्तर दिल्ली के गुलाबी नगर इलाके में एक सनसनीखेज मर्डर का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके को दहला कर रख दिया है। यहाँ एक 25 वर्षीय शख्स मुकेश ठाकुर ने अपनी पत्नी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़के को देखकर गुस्से में आकर गैस सिलेंडर से हमला कर उसकी हत्या कर दी। आरोपी को घटनास्थल से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
घटना का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, मामला तब सामने आया जब पड़ोसियों ने सुबह घर के बाहर नाली में खून बहता देखा और 10:53 बजे पीसीआर को इसकी सूचना दी। उत्तर दिल्ली के डीसीपी राजा बांठिया ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंची तो खून से लथपथ एक व्यक्ति मिला, जबकि एक अन्य शख्स उसी कमरे में मौजूद था। तत्काल जांच-पड़ताल शुरू की गई और यह पता चला कि मृतक नाबालिग लड़का मुकेश ठाकुर की पत्नी सुधा के परिचित के जरिए उसके घर किरायेदार के रूप में रह रहा था। डीसीपी ने बताया कि यह लड़का करीब 10 दिन पहले काम की तलाश में दिल्ली आया था। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला कि 19 और 20 मई की रात को मुकेश ठाकुर और यह नाबालिग लड़का दोनों ने शराब पी थी।
घटना की पूरी कहानी
पुलिस के बयान के मुताबिक, उसी रात मुकेश ठाकुर ने अपनी पत्नी को लड़के के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया। यह बात उसकी मनोदशा को भड़काने के लिए काफी थी। अगली सुबह, जब सुधा अपने काम पर खिलौना फैक्ट्री गई, तब ठाकुर और नाबालिग के बीच बहस शुरू हो गई। डीसीपी बांठिया ने बताया कि गुस्से और जलन में आकर मुकेश ठाकुर ने नाबालिग के सिर पर छोटे गैस सिलेंडर से कई बार वार किए। इस हमले में लड़का मौके पर ही मारा गया।
आरोपी की गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया
पुलिस ने तत्काल मुकेश ठाकुर को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर घटना में इस्तेमाल सिलेंडर भी जब्त कर लिया गया है। आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
नाबालिग का दिल्ली आना और रहन-सहन
डीसीपी ने यह भी बताया कि मृतक लड़का दिल्ली में रोजगार की तलाश में आया था और मुकेश ठाकुर के घर में किरायेदार के तौर पर रह रहा था। वह सुधा के परिचित के जरिए वहां पहुंचा था।
पड़ोसियों और इलाके में दहशत
यह गंभीर घटना गुलाबी नगर इलाके में एक बार फिर से सुरक्षा और सामाजिक चेतना की जरूरत को उजागर करती है। पड़ोसी घटना को लेकर चिंतित हैं और पुलिस से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
यह मामला केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि एक सामाजिक चुनौती भी है। यह बताता है कि गुस्से और अविश्वास के कारण कैसे एक निर्दोष की जान जा सकती है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है, लेकिन समाज को भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक जिम्मेदारी निभानी होगी।