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आखिर कैसे पुजारी का पोता बना 3 लाख का इनामी... यहां पढ़ें एनकाउंटर में ढेर चुनमुन झा की क्राइम कुंडली

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हाल ही में बिहार के आरा जिले में तनिष्क शोरूम में 10 करोड़ रुपये की लूट की घटना हुई थी। इस डकैती में शामिल चुनमुन झा नामक अपराधी को बिहार पुलिस और एसटीएफ ने कल रात अररिया में मुठभेड़ में मार गिराया। पूर्णिया एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बताया कि शुक्रवार देर रात बिहार के अररिया जिले में बड़ी पुलिस कार्रवाई हुई, जिसमें कुख्यात अपराधी चुनमुन झा मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ नरपतगंज थाना क्षेत्र के थलहा नहर के पास सुबह करीब ढाई बजे हुई।


एसपी ने बताया कि पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की संयुक्त टीम लूट की कई घटनाओं में वांछित चुनमुन झा को पकड़ने गई थी। मुठभेड़ में चुनमुन की मौत हो गई, जबकि छह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। घायलों का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।

चुनमुन झा मूल रूप से अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र के मजलिसपुर के निवासी थे। चुनमुन के पिता सामान्य खेतीबाड़ी करके अपना परिवार चलाते हैं। जबकि दादा और चाचा पुजारी हैं। परिवार शांतिपूर्ण जीवन जीने जा रहा है। लेकिन चुनमुन ने कम समय में ही अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बना लिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनमुन के दादा और चाचा पूर्णिया के पंचमुखी मंदिर में पुजारी हैं। बताया जाता है कि अररिया में छोटी-मोटी चोरी और शराब तस्करी में पुलिस में नाम आने के बाद चुनमुन झा ने पूर्णिया में अपने चाचा के घर शरण ले ली थी।

अररिया में कई आपराधिक घटनाओं में नाम आने के बाद चुनमुन झा पहली बार तब सुर्खियों में आया जब उसका नाम लोजपा नेता की हत्या में आया। दरअसल, 2021 में पूर्णिया में लोजपा नेता जितेंद्र उरांव की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में चुनमुन मुख्य आरोपी था। चुनमुन झा लंबे समय से पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में था। उसके खिलाफ लूट, डकैती और अन्य अपराधों के कई मामले दर्ज थे। इस मुठभेड़ को पुलिस की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। बताया गया कि एसटीएफ ने चुनमुन झा पर तीन लाख रुपये का इनाम रखा था।

मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सदर अस्पताल पहुंचे चुनमुन के भाई आनंद कुमार झा ने मीडिया को बताया कि चुनमुन पिछले 5 महीने से घर के लोगों से बात नहीं कर रहा था। आनंद झा पूर्णिया लूट कांड में जेल भी जा चुका है। उन्होंने बताया कि मैं 7 मार्च 2025 को जेल से आया हूं। 16 जुलाई 2024 को पूर्णिया के लाइन बाजार स्थित तनिष्क शोरूम से 3.70 करोड़ रुपये मूल्य के सोने व हीरे के जेवरात की लूट हुई थी। इस डकैती कांड में चुनमुन झा मुख्य आरोपी था। अभी दो दिन पहले 20 मार्च को पुलिस ने चुनमुन झा के पैतृक घर पर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की थी और अब पुलिस मुठभेड़ में उसकी हत्या कर दी गई।

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा ने जांच के बाद स्पष्ट किया था कि इस डकैती की योजना अंतरराज्यीय सोना लूट गिरोह के सरगना सुबोध सिंह उर्फ ​​दिलीप सिंह उर्फ ​​बबुआ जी, जो उस समय भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद था, ने भागलपुर जेल में बंद पूर्णिया के कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह के साथ मिलकर बनायी थी। बाद में सुबोध सिंह को पश्चिम बंगाल की जेल में स्थानांतरित कर दिया गया और वे आज भी वहीं हैं। वह जेल से गिरोह चला रहा है। हाल ही में आरा तनिष्क शोरूम में हुई डकैती में भी यही गिरोह शामिल था। पूर्णिया में डकैती की अंतिम योजना अररिया के शिवपुरी मोहल्ले में चुनमुन झा के नेतृत्व में बनी थी, जिसमें बिहार और बंगाल के अपराधी शामिल थे।

घटना के बाद सभी अपराधी कटिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल भाग गये। पुलिस को एकमात्र उपलब्धि यह मिली कि बंगाल के रायगंज निवासी एक व्यक्ति से हीरे की अंगूठी बरामद हुई। लेकिन, यह डकैती की घटना अभी भी रहस्य बनी हुई है कि दूसरा अपराधी कौन था और लूटे गए आभूषणों का क्या हुआ। पुलिस के अनुसार चुनमुन झा पलासी गांव का निवासी था और उसका असली नाम विनोद झा उर्फ ​​फतन झा था। वह आरा और पूर्णिया में तनिष्क शोरूम लूटकांड समेत कई बड़ी घटनाओं में शामिल था। उसे पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ की टीम ने थलाहा नहर के पास छापेमारी की।

अररिया मुठभेड़ में घायल हुए पुलिसकर्मियों में नरपतगंज थाना प्रभारी कुमार विकास, एसटीएफ इंस्पेक्टर मोहम्मद मुश्ताक, चालक नागेश, जेसी शहाबुद्दीन अंसारी और दीपक कुमार शामिल हैं। सभी को तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

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