कैसे एक वकील बना रेप का आरोपी, जानें मोनोजीत मिश्रा की जिंदगी और खौफ की पूरी कहानी

कोलकाता के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। कॉलेज की दीवार पर लिखा एक वाक्य — "मोनोजीत दादा हमारे दिलों में हैं" — अब एक काले सच की याद दिला रहा है। जिस व्यक्ति को कभी छात्र नेता और ‘कैंपस किंग’ कहा जाता था, वही अब बलात्कार का मुख्य आरोपी बन चुका है।
मोनोजीत मिश्रा: ‘मैंगो’ से दरिंदा बनने की कहानी
मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा, जिसे दोस्त ‘मैंगो’ कहकर बुलाते थे, लॉ कॉलेज का ही पूर्व छात्र है। छात्रों के अनुसार, मोनोजीत का कॉलेज कैंपस में बेहद प्रभाव था, और वह इतना दबदबा रखता था कि अधिकांश छात्र उससे डरते थे। पुलिस रिकॉर्ड और छात्रों की गवाही के मुताबिक, उसके खिलाफ पहले भी उत्पीड़न और छेड़छाड़ की कई शिकायतें दर्ज की गई थीं, लेकिन उन पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।
पुजारी का बेटा बना राजनीतिक गुंडा
मोनोजीत के पिता रॉबिन मिश्रा, कालीघाट के एक मंदिर में पुजारी हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने बेटे को पढ़ा-लिखाकर एक अच्छा इंसान बनाना चाहा, लेकिन राजनीति और शराब की लत ने उसे पूरी तरह बर्बाद कर दिया। चार साल से अलग रह रहे मोनोजीत का मोहल्ले में ‘उपद्रवी पपाई’ के नाम से भी डर था। वह अक्सर नशे में झगड़े करता था। पड़ोसियों के अनुसार, उसकी एक वकील गर्लफ्रेंड भी थी, जो अक्सर उससे मिलने आया करती थी।
छात्र नेता से क्लेरिकल स्टाफ बनने तक
2007 में कॉलेज में दाखिला लेने वाला मोनोजीत पढ़ाई के बजाय कैंपस की राजनीति में रम गया। तृणमूल की सत्ता आने के बाद उसने छात्र संगठन में गहरी पैठ बना ली। 2017 में उसने दोबारा दाखिला लिया और 2022 में डिग्री ली, लेकिन कभी कोर्टरूम में नजर नहीं आया। हैरानी की बात ये है कि डिग्री लेने के बाद भी उसने कॉलेज में 500 रुपए प्रतिदिन पर क्लेरिकल स्टाफ की नौकरी स्वीकार की — सिर्फ इसलिए क्योंकि कैंपस में उसका वर्चस्व कायम रहे।
25 जून की रात: जब घटी खौफनाक वारदात
25 जून की शाम करीब 7 बजे, पीड़िता को मोनोजीत, प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद ने यूनियन रूम में बुलाया। वफादारी साबित करने के नाम पर पहले बातचीत हुई, फिर उसे दूसरे कमरे में खींचकर बलात्कार किया गया। तीनों आरोपियों ने घटना का वीडियो भी बनाया और उसे चुप रहने की धमकी दी। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की और CCTV फुटेज से आरोपों की पुष्टि हो गई।
अफवाहें, मॉर्फ की गई तस्वीरें और डर का माहौल
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मोनोजीत छात्राओं की तस्वीरें लेकर मॉर्फ करता था और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर करता था। उसका गिरोह उन्हें बॉडी शेम करता, अफवाहें फैलाता और मानसिक उत्पीड़न करता। कई छात्राएं उससे डरकर कॉलेज आना तक बंद कर चुकी थीं।
चार गिरफ्तार, जांच जारी
अब तक पुलिस ने मोनोजीत, प्रमित, जैब और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। पीड़िता के बयान, CCTV फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट सब घटना की पुष्टि कर रहे हैं। यह मामला सिर्फ बलात्कार की घटना नहीं, बल्कि कॉलेज प्रशासन, छात्र राजनीति और पुलिस की लापरवाही का भी आईना है। सवाल यह भी है कि आखिर एक पुजारी का बेटा, जो कानून पढ़ने आया था, कैसे एक अपराधी और भय का पर्याय बन गया? क्या कोई भी सिस्टम समय रहते हस्तक्षेप कर सकता था? जांच के साथ-साथ इन सवालों के जवाब भी समाज को तलाशने होंगे।