अमेरिकी कांग्रेस ने रक्षा बजट विधेयक का अंतिम मसौदा किया पेश
वाशिंगटन, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने वित्त वर्ष 2026 के नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) का समझौता मसौदा जारी किया। जिससे इस सप्ताह होने वाले महत्वपूर्ण वोट का रास्ता साफ हो गया है। यह वार्षिक विधेयक पिछले छह दशकों से अमेरिकी रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का मजबूत आधार रहा है।
जारी मसौदे के अनुसार, यह बिल पेंटागन और ऊर्जा विभाग के परमाणु हथियार कार्यक्रमों के लिए 890 अरब डॉलर से अधिक की मंजूरी देगा। यह राशि ट्रंप प्रशासन की मांग से लगभग 8 अरब डॉलर ज्यादा है। विधेयक को तेजी से पारित कराने के लिए इसे एक असंबंधित सीनेट बिल एस.1071 में समाहित किया गया है, जिसे विधायी माध्यम के रूप में चुना गया है।
कांग्रेस की परंपरा रही है कि चाहे राजनीतिक मतभेद कितने भी हों, एनडीएए हर साल पारित किया जाता है। पिछले 64 वर्षों में यह विधेयक एक बार भी नहीं रुका और दोनों दल अक्सर इसे अमेरिकी रक्षा नीति पर व्यापक सहमति का प्रतीक बताते हैं। इस बार भी कई दौर की तीखी बातचीत और संशोधनों के बाद रविवार को जारी हुआ अंतिम मसौदा विधायी प्रक्रिया के अंतिम चरण की शुरुआत माना जा रहा है।
वित्त वर्ष 2026 के लिए प्रस्तावित बजट में प्रशासन के औपचारिक अनुरोध की तुलना में थोड़ी वृद्धि की गई है, जिससे संकेत मिलता है कि कांग्रेस कुछ प्रमुख आधुनिकीकरण कार्यक्रमों में तेजी लाना चाहती है। यह बढ़ोतरी अमेरिकी सैन्य तैयारियों (चाहे वह पारंपरिक हथियार हों या दीर्घकालिक परमाणु क्षमता) को मजबूत करने के मकसद से की जा रही है।
एनडीएए सिर्फ बजट नहीं, बल्कि एक व्यापक नीति पैकेज भी है। इसमें पेंटागन की सालाना योजनाएं, ऊर्जा विभाग की परमाणु गतिविधियां, सैन्य कर्मियों की स्वीकृत संख्या, खुफिया तंत्र से जुड़े प्रावधान और विभिन्न नीति निर्देश शामिल हैं। दर्जनों रिपोर्ट और रणनीतिक निर्देश इस विधेयक के अलग-अलग हिस्सों में छिपे रहते हैं, जिन्हें आने वाले महीनों में लागू किया जाएगा।
विधेयक को पास कराने की प्रक्रिया भी दिलचस्प है। एस.1071 जैसे गैर-संबंधित बिल में पूरे एनडीएए को सम्मिलित करना हाल के वर्षों में आम रणनीति बन गई है, क्योंकि इससे हाउस और सीनेट दोनों में तेजी से मतदान कराया जा सकता है।
उम्मीद है कि इस सप्ताह हाउस में होने वाला मतदान इस समझौता पैकेज की पहली बड़ी परीक्षा होगा। इसके बाद सीनेट भी जल्द ही मतदान कर सकता है, जिससे एनडीएए की लगातार 65वीं बार पारित होने की परंपरा कायम रहने की संभावना है।
अमेरिकी रणनीति के लिहाज से यह कानून सिर्फ देश के भीतर की सैन्य नीतियों को प्रभावित नहीं करता, बल्कि एशिया प्रशांत क्षेत्र, खासकर भारत–अमेरिका रक्षा सहयोग पर भी सीधा असर डालता है। इसमें सैन्य ढांचा, संयुक्त सैन्य अभ्यास, तकनीकी सहयोग और सुरक्षा-सहायता कार्यक्रमों से जुड़े प्रावधान शामिल हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
एनडीएए एक बार लागू हो जाने के बाद, वित्त वर्ष 2026 का एनडीएए अमेरिका को अपने इंडो-पैसिफिक रणनीतिक ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए नए कानूनी अधिकार और दिशा देगा।
--आईएएनएस
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