त्रिपुरा के मुख्यमंत्री साहा ने स्थानीय कच्चे माल से उद्योग बढ़ाने पर दिया जोर
अगरतला, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को राज्य में उपलब्ध कच्चे माल का प्रभावी उपयोग करते हुए उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में नए दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने सिविल सचिवालय में त्रिपुरा स्मॉल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (टीएसआईसी) की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य में वन संसाधन, अनानास, चाय, रबर और कई अन्य कृषि आधारित उत्पाद प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और इनका विशेष रूप से सदुपयोग होना चाहिए।
साहा ने कहा, “वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पर्यावरण अनुकूल और बायोडिग्रेडेबल उत्पादों के उत्पादन पर जोर देने की जरूरत है।”
उन्होंने बताया कि राज्य में उत्पादित अनानास को बाहरी बाजारों में निर्यात बढ़ाने के लिए एक नीलामी केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने अनानास महोत्सव आयोजित करने और राज्य में माचिस व मसाला निर्माण फैक्ट्री स्थापित करने के लिए भी टीएसआईसी अधिकारियों को पहल करने के निर्देश दिए।
बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संताना चकमा और टीएसआईसी के चेयरमैन एवं विधायक शंभू लाल चकमा ने निगम की गतिविधियों और योजनाओं के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी। इस दौरान उद्योग एवं वाणिज्य सचिव किरण गिट्टे, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार चक्रवर्ती, वित्त सचिव अपूर्व रॉय, टीएसआईसी के प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इसके अलावा, एक अन्य बैठक में मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के लोगों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति सहकारी विकास निगम, अनुसूचित जाति समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने और उनके उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन पहले भी इन निगमों का सही उपयोग नहीं हो पाया।
साहा ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार इन निगमों को पारदर्शिता के साथ संचालित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। सीएमओ के एक अधिकारी के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उचित योजना, आधुनिक प्रबंधन एवं मानवीय दृष्टिकोण के साथ निगम की प्रगति को मजबूत करने के निर्देश दिए।
बैठक की शुरुआत में एससी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक जयंता देब ने निगम के अतीत और वर्तमान का विस्तृत चित्रण प्रस्तुत करते हुए रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि अब तक निगम के पास निदेशक मंडल नहीं था। अब आठ सदस्यों और तीन आधिकारिक सदस्यों वाला बोर्ड गठित कर दिया गया है।
--आईएएनएस
डीएससी

