तेलंगाना: तीसरे चरण के ग्राम पंचायत चुनाव में कांग्रेस को बहुमत, दूसरे नंबर पर बीआरएस
हैदराबाद, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने ग्राम पंचायत चुनावों के तीसरे और अंतिम चरण में भी शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए अधिकांश सरपंच पदों पर जीत दर्ज की है। बुधवार को घोषित नतीजों के अनुसार, कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतों पर कब्जा किया।
तीसरे चरण में जिन 4,159 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव अधिसूचित किए गए थे, उनमें से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने रात 10 बजे तक 2,208 ग्राम पंचायतों में जीत हासिल की। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने कड़ा मुकाबला देते हुए 1,145 सरपंच पद जीते। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 239 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही, जबकि निर्दलीय और अन्य उम्मीदवारों ने 488 सीटें जीतीं।
तीनों चरणों में कुल 12,727 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव कराए गए थे। इनमें कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने कुल 6,794 ग्राम पंचायतों में जीत दर्ज की। बीआरएस 3,503 पंचायतों के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि भाजपा को केवल 697 पंचायतों में सफलता मिली। निर्दलीय और अन्य उम्मीदवारों ने 1,651 पंचायतों पर कब्जा किया।
51 ग्राम पंचायतों के परिणाम अभी घोषित होने बाकी हैं, जबकि विभिन्न कारणों से 29 गांवों में चुनाव नहीं हो सके।
बुधवार को 31 जिलों के 182 मंडलों में 3,752 सरपंच पदों और 28,410 वार्ड सदस्य पदों के लिए मतदान हुआ। सरपंच पदों के लिए 12,652 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि वार्ड सदस्य पदों के लिए 75,725 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
राज्यभर में 36,483 मतदान केंद्रों पर करीब 53 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे। सुबह 7 बजे शुरू हुआ मतदान दोपहर 1 बजे तक चला, जिसमें लगभग 81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मतगणना दोपहर 2 बजे से शुरू की गई।
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने तीसरे चरण के लिए 4,159 ग्राम पंचायतों में मतदान की अधिसूचना जारी की थी। इनमें से 394 गांवों में सरपंच निर्विरोध चुने गए, जबकि 11 ग्राम पंचायतों में कोई नामांकन दाखिल नहीं हुआ। दो पंचायतों में अदालत के आदेशों के चलते चुनाव नहीं हो सके।
11 और 14 दिसंबर को हुए पहले दो चरणों के चुनावों में भी 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था। पिछले महीने एसईसी ने 12,728 सरपंच पदों और 1,12,242 वार्ड सदस्य पदों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। इन चुनावों में ग्रामीण क्षेत्रों के करीब 1.66 करोड़ मतदाता मतदान के पात्र हैं।
मंडल परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (एमपीटीसी), जिला परिषद क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र (जेडपीटीसी) और नगर निगमों के चुनाव पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण पर हाईकोर्ट के अंतिम आदेश आने के बाद कराए जाएंगे। अक्टूबर में हाईकोर्ट ने स्थानीय निकायों में बीसी को 42 प्रतिशत आरक्षण देने वाले सरकारी आदेश को रद्द कर दिया था, हालांकि सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा में रखते हुए चुनाव कराने की अनुमति दी थी।
--आईएएनएस
डीएससी

