के कविता ने 2029 का लोकसभा चुनाव लड़ने के दिए संकेत
हैदराबाद, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष के. कविता ने सोमवार को संकेत दिए कि वह 2029 के लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक यूज़र के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा, “हां।”
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी कविता ने यह भी बताया कि तेलंगाना जागृति का सदस्यता अभियान शुरू करने की योजना है। इसके लिए तारीखों की घोषणा उनकी चल रही ‘जागृति जनम बाटा’ यात्रा के बाद की जाएगी।
तेलंगाना जागृति की संस्थापक कविता फिलहाल चार महीने लंबी पदयात्रा पर हैं। बीआरएस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक जनसंपर्क कार्यक्रम है। उन्हें सितंबर में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीआरएस से निलंबित किया गया था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और तेलंगाना विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी थी।
उन्होंने पिछले महीने कहा था कि वह जनता से जुड़े मुद्दों पर काम जारी रखेंगी और सक्रिय राजनीति में बाद में लौटेंगी। जब उनसे उनकी नई पार्टी के नाम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “क्या होना चाहिए?” तेलंगाना में कई राजनीतिक दलों के बीच खुद को स्थापित कर पाने के सवाल पर उन्होंने भरोसे के साथ कहा, “मैं कर लूंगी।”
तेलंगाना जागृति की गतिविधियां केवल हैदराबाद तक सीमित रहने के सवाल पर कविता ने कहा कि संगठन पूरे राज्य में काम कर रहा है और धीरे-धीरे लेकिन मजबूती के साथ हर गांव में समितियां बनाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि समान रूप से विकसित तेलंगाना या ‘सामाजिक तेलंगाना’ उनका लक्ष्य है। तेलंगाना के युवाओं और महिलाओं को अपनी पसंद के क्षेत्र में अवसर मिलें, इसके लिए मैं काम करना चाहती हूं।
एससी, एसटी और एमबीसी समुदायों को राजनीतिक अवसर देने के सवाल पर उन्होंने कहा, “बिल्कुल! हमें समावेशी होना होगा और समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाना होगा। यह हमारी जागृति समितियों में झलकता है।”
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सरकार पर टिप्पणी करते हुए कविता ने कहा, “टूटे वादे, अधूरी प्रतिबद्धताएं। लोग सरकार से पूरी तरह निराश हैं।”
अगर वह मुख्यमंत्री बनीं तो क्या बदलाव करेंगी, इस सवाल पर उन्होंने लिखा, “मैं ऐसा राज्य बनाना चाहती हूं जहां तेलंगाना के माता-पिता को शिक्षा पर एक भी पैसा खर्च न करना पड़े। मुफ्त शिक्षा ही तेलंगाना और भारत के भविष्य को सशक्त बनाने का एकमात्र रास्ता है।”
पूर्व बीआरएस नेता ने कहा कि राज्य में किसान आत्महत्याओं का जारी रहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “मैंने आदिलाबाद में एक कपास किसान के परिवार से मुलाकात की, जिन्होंने फसल नुकसान से हुए कर्ज और भीषण गर्मी के कारण जान गंवाई। किसान आत्महत्याएं सरकार की उपेक्षा और उदासीनता का सीधा परिणाम हैं।''
--आईएएनएस
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